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आदिवासियों का हक मारने के साथ ही उन्हें बेइज्जत कर रही है राज्य सरकार: समीर महांति

ओडिशा में अनुसूचित जाति एवं जनजाति ( Scheduled Castes and Tribes) पर अत्याचार बढ़ रहा है। 2019 की तुलना में 2020 में 8 प्रतिशत अधिक मामले सामने आये हैं। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के ऊपर अत्याचार एवं पुलिस से न्याय ना मिलने में ओडिशा का पूरे देश में पहला स्थान।

By Babita KashyapEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 09:59 AM (IST)
आदिवासियों का हक मारने के साथ ही उन्हें बेइज्जत कर रही है राज्य सरकार: समीर महांति
समीर महांति ने कहा आदिवासियों के हित के लिए मुंह खोलने पर सरकार बेइज्जत कर रही है

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राज्य अनुसूचित जाति एवं जनजातियों पर अत्याचार बढ़ रहा है। आदिवासी आज हिंसा एवं द्वेष का शिकार हो रहे है। 2020 में ओडिशा अनुसूचित जनजाति के खिलाफ 624 मामले दर्ज किए गए हैं। इस क्षेत्र में ओडिशा का देश में चौथा स्थान है। दुष्‍कर्म के 114 मामले दर्ज किए गए हैं और इस क्षेत्र में प्रदेश का पांचवां स्थान है। अपने न्याय एवं हक की मांग करने वाले अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों को धमकाया जा रहा है।

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एक साल में 564 लोग गिरफ्तार

रिपोर्ट के मुताबिक अनुसूचित जनजातियों के के खिलाफ अपराध करने के लिए एक साल में 564 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 574 मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है। हालांकि इनमें से अभी तक किसी को भी दोषी साबित नहीं किया गया है। एनसीआरबी (राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो) रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के खिलाफ पिछले साल 2019 की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है। यानी पिछले काल की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक अपराध हुआ है।

सजा पाने वालों की दर नगण्य

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के ऊपर अत्याचार एवं पुलिस से न्याय ना मिलने के क्षेत्र में ओडिशा का पूरे देश में पहला स्थान है। दलित विरोधी मामले में ओडिशा में सजा पाने वालों की दर नगण्य है। अधिकांश मामले में चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है। इतना नहीं अनुसूचित जनजाति वर्ग का होने के कारण विरोधी दल के मुख्य सचेतक मोहन माझी के ऊपर भी आत्मघाती हमला मामले में पुलिस एवं प्रशासन ने तत्परता के साथ कार्रवाई नहीं किया है। माझी के आरोप के बाद भी अभियुक्त को सुरक्षा प्रदान की गई।

भाजपा राज्य अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार के इशारे पर केन्द्र मंत्री विशेश्वर टुडू के सरकारी बैठक में प्रदेश सरकार के कर्मचारी भाग नहीं लिए। इतना ही नहीं केन्द्र मंत्री की बात पर महत्व तो नहीं दिए उल्टे काला बैच धार कर केन्द्र मंत्री टुडू को अपमानित करने का काम किया। राज्य सरकार ने सरकारी बाबुओं के जरिए आदिवासी वर्ग के लिए काम करने वाले केन्द्र मंत्री को बेइज्जत करने का काम किया है। भाजपा राज्य अध्यक्ष समीर महांति ने कहा कि आदिवासियों के हित के लिए मुंह खोलने पर राज्य सरकार बेइज्जत कर रही जो जनतंत्र में बिल्कुल ही स्वीकार योग्य नहीं है।


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