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Jagannath Puri Rath Yatra 2021: कोविड नियमों के बीच निकलेगी रथयात्रा, जानें कब और कैसे संपन्न होगी विभिन्‍न रीति-नीति

Jagannath Puri Rath Yatra 2021 पुरी विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के लिए नीति नियम निर्धारित 12 जुलाई को अपराह्न 3 बजे से खींचा जाएगा रथ 20 जुलाई को होगी बाहुड़ा (वापसी) यात्रा 21 जुलाई को सोना वेश 23 जुलाई को नीलाद्री बिजे से सम्पन्न कर महाप्रभु रत्न सिंहासन पर होंगे विराजमान

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 02:25 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 02:32 PM (IST)
Jagannath Puri Rath Yatra 2021: कोविड नियमों के बीच निकलेगी रथयात्रा, जानें कब और कैसे संपन्न होगी विभिन्‍न रीति-नीति
12 जुलाई को महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा निकाली जाएगी

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। कोविड महामारी के कारण इस साल भी पुरी जगन्नाथ धाम में विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के साथ देवस्नान पूर्णिमा, सोना वेश आदि बिना भक्तों के ही सम्पन्न की जाएगी। ऐसे में रथयात्रा के लिए तमाम रीति किस प्रकार से कब और कैसे संपन्न की जाएगी, उस संदर्भ में छत्तीसा निजोग की तरफ निर्णय ले लिया गया है।

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छत्तीसा निजोग द्वारा लिए गए निर्णय के मुताबिक 12 जुलाई को महाप्रभु जगन्नाथ जी की विश्व प्रसिद्ध रथायात्रा के दिन सुबह 8 बजे रथ प्रतिष्ठित होने के बाद 8:30 बजे श्री विग्रहों की पहंडी बिजे शुरू होगी। 11:30 बजे पहंडी बिजे खत्म होने के बाद रथ के ऊपर अन्य नीति सम्पन्न की जाएगी। अपराह्न 3 बजे से रथ खींचा जाएगा। वहीं दूसरी तरफ 24 जून को देव स्नान पूर्णिमा के लिए भी नीति निर्धारित करने के साथ ही समय सम्पन्न करने का निर्णय लिया गया है। पिछले साल की ही तरह इस साल भी एक दिन पहले की रात में 1 बजे से पहंडी बिजे शुरू होगी। भोर 4 बजे तक पहंडी बिजे खत्म होने के बाद 108 घड़ा सुगंधत जल से महाप्रभु को स्नान कराया जाएगा। इसके बाद वेश, छेरा पहंरा सम्पन्न कर 11 से 12 बजे के बीच हाथी वेश में महाप्रभु दर्शन देंगे।

अपराह्न 4 बजे तक वेश को खत्म कर अपराह्न 5 बजे से बाहुड़ा (वापसी) पहंडी शुरू होगी। रात 8 बजे तक बाहुड़ा (वापसी) पहंडी खत्म कर सोने का चिता एवं राहु रेखा मइलम नीति सम्पन्न करने का निर्णय लिया गया है। रथयात्रा, देवस्नान पूर्णिमा के साथ नव यौवन दर्शन, सोना वेश, अधर नीति, नीलाद्री बिजे नीति के ऊपर हुई छत्तीसा निजोग की महत्वपूर्ण बैठक जगन्नाथ मंदिर के मुख्य प्रशासक डा. किशन कुमार की अध्यक्षता में वर्चुअल आयोजित क गई थी। बैठक में विभिन्न निजोग के अध्यक्ष, सचिव वरिष्ठ सेवक उपस्थित थे। बैठक के प्रारंभ में कोविड प्रतिबंध के तहत अनुशासित ढंग से रथयात्रा सम्पन्न कराने के लिए मुख्य पशासक डा. किशन कुमार, जिलाधीश समर्थ वर्मा, पुलिस अधीक्षक डा.के.विशाल सिंह ने सभी से निवेदन किया है। नीति नियम एवं अनुशासन पर चर्चा होने के बाद विभिन्न निजोग से पिछले साल रथयात्रा में जिस निजोग से जितनी संख्या में सेवक थे इस साल भी उतनी ही संख्या में सेवक देव स्नान पूर्णिमा, रथयात्रा में खने को निर्णय लिया गया है। नीति सब कमेटी द्वारा तैयार नीति नियम की रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद सबकी सहमति से उसे पारित किया गया। 

स्नान यात्रा के लिए देव स्नान

अंतिम निर्णय के मुताबिक स्नान यात्रा के लिए देव स्नान पूर्णिमा हर दिन रात 1 बजे से नीति शुरू होगी। रात 1 बजे से मंगलार्पण के बाद पहंडी एवं अन्य नीति शुरू की जाएगी। 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे के अन्दर स्नान नीति के बाद पूर्वाह्न में 10:30 बजे छेरा पहंरा होगा। इसके बाद हाथी वेश सम्पन्न होने के बाद महाप्रभु स्नान मंडप में दर्शन देंगे। बाहुड़ा पहंडी खत्म होने के बाद रात 9 से 12 बजे के बीच अणवसर नीति सम्पन्न की जाएगी। इसके बाद पंचदि तथा दशावतार बिजे किया जाएगा। रात 3:30 बजे जय विजय द्वार बंद होने के बाद बेहरण द्वार खुलेगा। भोर 4 बजकर 15 मिनट पर अणवसर नीति शुरू होगी।

चतुर्धा मूर्तियों  की पहंडी बिजे

रथयात्रा के दिन भोर साढ़े चार बजे मंगल आरती, 5 बजे मइलम, तड़पलागी ए​वं रोष होम, 5:30 बजे अवकाश, 5:40 बजे सूर्य पूजा, 6 बजे द्वारपाल पूजा एवं वेश सम्पन्न, 6:30 बजे से 7 बजे तक गोपाल बल्लभ एवं सकाल धुप (खिचड़ी भोग), 8 बजे रथ प्रतिष्ठा, 8:15 बजे मंगलार्पण, 8:30 से 11 बजे तक चतुर्धा मूर्तियों (जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्र ए​वं सुदर्शन) की पहंडी बिजे, दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे तक मदन मोहन बिजे, 12:30 बजे से अपराह्न 1 बजे तक चिता लागी, 12:45 बजे से अपराह्न 2 बजे तक छेरा पहंरा, अपराह्न 2 बजे से 3 बजे तक रथ में घोड़ा एवं सारथी लगाने की नीति सम्पन्न होने के बाद रथ खींचा जाएगा।

महाप्रभु का नव यौवन दर्शन

उसी तरह से 9 जुलाई को महाप्रभु का नव यौवन दर्शन सुबह 8 बजे से शुरू होगा। 20 जुलाई को बाहुड़ा (वापसी) यात्रा के दिन अपराह्न 3 से 4 बजे के बीच रथ में घोड़ा लगाए जाने के बाद अपराह्न 4 बजे से वापसी रथ खींचना शुरू होगा। 21 जुलाई को अपराह्न 4 से 5:30 बजे तक श्रीविग्रहों को सोने के वेश से सजाया जाएगा। इसके बाद महाप्रभु सोने वेश में दर्शन देंगे। रात 11 बजे से सोने के आभूषण उतारना शुरू होगा। 22 जुलाई की रात 8 बजे तक अधर नीति सम्पन्न होगी। 23 जुलाई को श्रीजीउ रथयात्रा सम्पन्न कर नीलाद्री बिजे करेंगे। इसी दिन अपराह्न 4 बजे श्री विग्रहों को रत्न सिंहासन पर विराजमान कराने के लिए पहंडी बिजे शुरू होगी, जो कि रात 10 बजे खत्म होगी।


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