ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन अधिवेशन की हंगामेदार शुरूआत: सदन के प्रवेश द्वार पर ही धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक
ओडिशा विधानसभा के शीतकालीन सत्र की हंगामेदार शुरुआत के साथ ही कांग्रेस सदस्य कालाहांडी जिले की शिक्षिका ममिता मेहर हत्याकांड को लेकर सदन के प्रवेश द्वार पर ही धरने पर बैठ गए। विधायकों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से जवाब मांगा।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज हंगामे के साथ शुरू हो गया है। कांग्रेस सदस्यों ने कालाहांडी जिले की शिक्षिका ममिता मेहर हत्याकांड को लेकर प्रदेश के गृह राज्य मंत्री दिव्य शंकर मिश्र को बहिष्कार करने की मांग करते हुए सदन के प्रवेश द्वार पर ही धरने पर बैठ गए। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले, मोहम्मद मुकीम और संतोष सिंह सलूजा के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के एक समूह ने मंत्री को सदन में प्रवेश करने से रोकने के लिए विधानसभा के दोनों प्रवेश द्वार पर धरना दिया। नारे लगाते हुए और तख्तियां पकड़े हुए, जिन पर लिखा था गृह राज्य मंत्री वापस जाओ और ममिता मेहर को न्याय दो। विधायकों ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से जवाब मांगा।
कांताबांझी के विधायक संतोष सिंह सलूजा ने कहा कि हम ममिता मेहर हत्याकांड के मुख्य आरोपी गोविंद साहू के साथ कथित संबंध के लिए मंत्री दिब्य शंकर मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं। मृतक के पिता ने यहां तक आरोप लगाया था कि मंत्री अक्सर स्कूल जाते थे और वहां रात बिताते थे। मंत्री के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। राज्य में अन्याय और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर खामोश हैं।
इस बीच, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्यमंत्री ने दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के लिए शोक प्रस्ताव पेश किया। बाद में विधानसभा अध्यक्ष सूर्यनारायण पात्र ने आज शाम पांच बजे तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। दूसरी ओर प्रमुख विरोधी दल भाजपा के विधायक विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र से मुलाकात करते हुए उनसे आरोपी गृह राज्य मंत्री दिव्य शंकर मिश्र को सदन के सत्र में शामिल नहीं करने के लिए अनुरोध किया है।
वहीं बीजद के विधायक प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत ओडिशा को घर के आवंटन करने में केंद्र सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए विधानसभा से राजभवन तक पैदल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया है। बीजद नेताओं ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार राज्य को 13 लाख घरों की आवश्यकता के मुकाबले केवल पांच लाख घर उपलब्ध कराया है। ओड़िशा एक ऐसा प्रदेश है जहां हर साल प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं। मुख्यमंत्री ने केंद्र से कई बार शेष आठ लाख घरों को आवंटित करने का आग्रह किया, मगर मांग पर केन्द्र सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। एक भाजपा सांसद की शिकायत पर प्रधानमंत्री आवास योजना को ओड़िशा में बंद कर दिया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि विधानसभा का शीतकालीन अधिवेशन 31 दिसम्बत तक चलेगा, जिसमें 26 कार्य दिवस है।