ओडिशा विधानसभा में फर्जी प्रमाण पत्र और कोटिया विवाद पर हंगामा, सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक स्थगित
ओडिशा विधानसभा में शुक्रवार को कई मुद्दों पर बहस छिड़ी जिनमें फर्जी प्रमाणपत्रों और कोटिया का मुद्दा अहम था। नेताओं के सवाल-जवाब और आरोप-प्रत्यारोप के बीच सदन की कार्यवाही शाम के चार बजे तक स्थगित कर दी गई।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में शुक्रवार को फर्जी प्रमाणपत्रों और कोटिया के मुद्दे पर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति देखी गई। सदन में हंगामा जारी रहने से विधानसभा अध्यक्ष बिक्रम केशरी आरूख ने सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
नेता प्रतिपक्ष जय नारायण मिश्रा सत्ता पक्ष पर बिफरे
सदन में शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष जय नारायण मिश्रा ने फाइव टी स्कूलों को कंप्यूटर की आपूर्ति का मुद्दा उठाते हुए कहा कि फाइव टी स्कूलों को उपलब्ध कराए गए कंप्यूटरों में सुब्रत छटोई की क्या भूमिका है? उनका आईटी सचिव और 5-टी सचिव से क्या संपर्क है? बलांगीर में फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, वणिक इंस्टीट्यूट का इसके साथ क्या संपर्क है, सरकार को सदन में इसका जवाब देना चाहिए।
सदन में उठा राज्य सीमा विवाद का भी मुद्दा
इसी तरह, विपक्ष के नेता ने राज्य के सीमा विवाद का भी मुद्दा उठाया और कहा कि आंध्र कोटिया गांव के साथ 21 गांवों में हस्तक्षेप कर रहा है। उनके उप मुख्यमंत्री आ रहे हैं और क्षेत्र के लोगों को लुभा रहे हैं। आन्ध्र प्रदेश विभिन्न सहायता प्रदान कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कोटिया के लिए विशेष पैकेज की घोषणा की थी। वह कहां गया? ओडिशा का अन्य राज्यों के साथ भी सीमा विवाद है, सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
कांग्रेस ने फर्जी प्रमाणपत्र के मुद्दे पर उठाया सवाल
वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्रा ने फर्जी प्रमाणपत्रों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में फर्जी प्रमाणपत्रों का मुद्दा सामने आ रहा है। मुख्य आरोपी के साथ पूर्व मंत्री और गृह राज्य मंत्री की एक तस्वीर वायरल हो रही हैं। आरोपी पर सरकारी क्वार्टर पर अतिक्रमण करने का आरोप है। सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?
बीजद विधायक ने कहा- विपक्ष पर फाइव टी का भूत सवार
इसके जवाब में बीजद विधायक अरुण साहू ने कहा कि विपक्ष कोटिया मुद्दे पर नाटक कर रहा है। उनके तीन केंद्रीय मंत्री और आठ सांसद हैं। लेकिन कोई कुछ नहीं कह रहा है। ये लोग प्रधानमंत्री को कितनी बार इसकी जानकारी दी है। सीमा विवाद को सुलझाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। विपक्ष के नेता पर फाइव टी का भूत सवार हो गया है।
वायरल तस्वीरों की जांच की उठी मांग
फर्जी प्रमाणपत्रों के मुद्दे पर मिश्रा ने आरोप लगाया था कि गृह मंत्री की तस्वीर और पूर्व मंत्री की तस्वीर मुख्य आरोपी के साथ है। अरुण ने इसका प्रतिवाद किया और मुख्य आरोपी के साथ नरसिंह मिश्रा की फोटो दिखाते हुए कहा कि यह किसकी फोटो है? अरुण के बयान के बाद नरसिंह ने फिर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अगर मेरी कोई तस्वीर है तो मैं जांच का स्वागत करता हूं। अगर मुख्यमंत्री में साहस है तो जिन गृह राज्य मंत्री और पूर्व मंत्री की तस्वीर उन्हें भी जांच के दायरे में लाएं।
शाम चार बजे तक स्थगित कार्यवाही
फर्जी प्रमाणपत्र और कोटिया विवाद को लेकर सदन में हंगामा लगा रहा। विधानसभा अध्यक्ष के आसन के नीचे बीजेपी और कांग्रेस की ओर से जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद बाहिनीपति स्पीकर के आसन पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शाम चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।