Move to Jagran APP

विश्व खाद्य कार्यक्रम को मिले नोबेल पुरस्कार से झू‍म उठा राउरकेला, WFP ने प्रणव को दिया धन्‍यवाद

संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) को इस साल नोबेल शांति पुरस्‍कार मिलने की घोषणा से राउरकेला में खुशी का माहौल है। इस उपलब्धि के लिए डब्ल्यूएफपी ने प्रणव खेतान को उनके कार्यो के लिए धन्यवाद दिया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 20 Oct 2020 02:08 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 02:08 PM (IST)
विश्व खाद्य कार्यक्रम को मिले नोबेल पुरस्कार से झू‍म उठा राउरकेला, WFP ने प्रणव को दिया धन्‍यवाद
भारतीय अधिकारी से मिलते डब्ल्यूएफपी की सलाहकार परिषद के सदस्य और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालन के नेतृत्वकर्ता प्रणव खेतान

राउरकेला, कमल कुमार विश्वास। संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) को इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार विजेता घोषित किए जाने पर राउरकेला शहर खुशी में झूम उठा। क्योंकि इसमें स्टील टाउनशिप राउरकेला के योगदान का एक बड़ा जुड़ाव था। जिसने डब्ल्यूएफपी को दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। क्योंकि राउरकेला डब्ल्यूएफपी की सलाहकार परिषद के सदस्य और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचालन के नेतृत्वकर्ता प्रणव खेतान का जन्मस्थान है, जिन्हें तकनीकी-नवाचारों को लाने का श्रेय दिया जाता है। जिन्होंने इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावी और समावेशी बनाया। 

loksabha election banner

 डब्ल्यूएफपी ने प्रणव को धन्यवाद दिया

डब्ल्यूएफपी ने मानवीय कार्यों के लिए क्रांति लाने के लिए एआई के उपयोग को आगे बढ़ाने में अपने नेतृत्व के लिए प्रणव को धन्यवाद दिया, जिसने सैकड़ों करोड़ लोगों को भूख से बाहर निकालने में मदद की। प्रणव ने कहा, मुझे मानवता की बेहतरी के लिए डब्ल्यूएफपी की सेवा करने का अवसर मिलने से मैं बहुत खुश और भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। मैं आज जो कुछ भी हूं तथा अपने जीवन को आकार देने के लिए अपने माता-पिता, रिश्तेदारों और शिक्षकों को धन्यवाद देता हूं। प्रणव को लगता है कि भारत की तकनीकी क्षमता पिछले कुछ वर्षों में कई गुना बढ़ गई है और देश को अब सम्मान के साथ देखा जाता है। उन्होंने 2015 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के गूगल मुख्यालय की यात्रा के दौरान उनके साथ हुए चर्चा को याद किया, जिसमें भारत की आबादी की बेहतरी के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कैसे किया जा सकता है शामिल था। 

 कैंपस को है प्रणव पर गर्व

एनआईटी-आर के निदेशक अनिमेष विश्वास ने कहा, कैंपस प्रणव पर गर्व करता है। कहा कि जब भी मौका मिला है संस्थान के पूर्व छात्रों ने हमेशा चमत्कार किया है। प्रणव का जन्म राउरकेला शहर में हुआ था, लेकिन उनका परिवार कोलकाता में बस गया है। उनके पिता पवन खेतान चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। उनकी मां उषा राउरकेला से हैं तथा गृहिणी है। उसका छोटे भाई पारस आईआईटी-खड़गपुर से इंजीनियरिंग और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में दोहरी डिग्री धारक हैं। हालांकि, प्रणव नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी-राउरकेला (एनआइटी-आर) से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के लिए राउरकेला वापस आ गए और बाद में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए से मास्टर्स किया। बेंगलुरु के जैन इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद प्रणव राउरकेला एनआईटी में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग में दाखिला लिया था। 

 प्रणव ने सर्वोच्च सर्वकालिक अंक प्राप्त कर नया रिकॉर्ड बनाया

2009 बैच के प्रणव ने एनआईटी में सर्वोच्च सर्वकालिक अंक प्राप्त करके एक नया रिकॉर्ड बनाया। फिर उन्होंने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से उच्चतर शिक्षा प्राप्त कर फेसबुक की नौकरी ज्वाइन किया था। बाद में उन्होंने गूगल ज्वाइन किया और वर्तमान में सीनियर इंजीनियरिंग लीड (यूएसए) के रुप में कार्यरत है। एनआईटी (2005-09) तक अपनी पढ़ाई के दौरान, उन्होंने विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों का नेतृत्व किया। साइबरॉफ्ट के संस्थापक और मेजबान (2009-09), वार्षिक तकनीकी महोत्सव (2008) मुख्य मेजबान, कार्यक्रम माइक्रोसॉफ्ट के रोजगार कार्यशाला (2008) प्रबंधक, ऑपरेटिंग सिस्टम और प्रोग्रामिंग शिक्षा, एनआईटी उद्यमशीलता सेल के सह संस्थागत, संस्थान के प्रबंधन कार्यक्रम 'अर्थयान' (2008)के समन्वयक, सन माइक्रोसिस्टम्स क्लब के सलाहकार (2007-09), इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग' के सदस्य, कंप्यूटर विज्ञान विभाग के छात्र प्रतिनिधि (2006-09), संस्थान में आयोजित सी प्रोग्रामिंग प्रतियोगिता (2007) में पहला, मैनेजमेंट इवेंट (2009) में दूसरा, जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में आयोजित, स्टॉक मार्केट प्रतियोगिता (2007) में पहला, टेक क्विज प्रतियोगिता (2008) में दूसरा स्थान पाने के साथ कई प्रतियोगिता में पुरस्कार जीता।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.