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सरकारी नीतियों के चलते प्रभावित हो रहा है रियल एस्टेट

राज्य सरकार सुलभ आवास व्यवसाय करने में सुगमता, स्टार्ट अप और स्टैंडअप के लिए प्रतिबद्ध है।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 03 Feb 2018 11:13 AM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2018 04:51 PM (IST)
सरकारी नीतियों के चलते प्रभावित हो रहा  है रियल एस्टेट
सरकारी नीतियों के चलते प्रभावित हो रहा है रियल एस्टेट

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। संयुक्त विकास परियोजनाओं में व्यवसाय करने के लिए जमीन मालिकों को मुख्तारनामा (पावर ऑफ अटार्नी) के एवज में भारी राशि प्रदान करने से ओडिशा में रियल एस्टेट क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

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भुवनेश्वर में अपार्टमेंट एवं गृह प्रोजेक्ट के दाम अन्य शहरों की तुलना में अधिक होने एवं बिक्री न होने के लिए राज्य सरकार के नियम एवं शुल्कनीति जिम्मेदार है। लोगों को विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए अधिक शुल्क देना पड़ रहा है, ऐसे में घर बेचते समय उन्हें अधिक कीमत रखनी पड़ती है। रियल एस्टेट संस्थाओं को किसी प्रोजेक्ट को तैयार करने से पहले पावर आफ अटार्नी लानी पड़ती है। इसके लिए जमीन मूल्य का 7 प्रतिशत जमा करना पड़ता है। यदि अग्रिम बुकिंग नहीं हुई और कुछ जगहों पर पावर ऑफ अटार्नी रद करनी पड़ी तो फिर इसके लिए 7 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। राजधानी में यदि एक एकड़ जमीन में

कोई प्रोजेक्ट आरंभ करता है तो फिर उसे पहले ही 2 करोड़ रुपये जमा करना होगा।

परिणामस्वरूप प्रोजेक्ट बेचते समय वर्ग फिट 400 रुपये अधिक रखना पड़ता है। इससे भुवनेश्वर में घर का दाम बढ़ गया है। जबकि प्रारंभिक तौर पर अन्य राज्यों में डेवलेपमेंट एग्रीमेंट कम जनरल पावर ऑफ अटार्नी (जीएसीजीपीए) के लिए अलग से श्रेणी होती है, जहां लागत न्यूनतम है। चूंकि, विकास समझौता और मुख्तारनामा संबिदागत अनुबंधपत्र हैं, जो कि अनुबंध में असंगति या फिर किसी भी कारण से परियोजना के विफल होने या आवश्यक अनुमति समय पर नहीं मिलने पर रद हो सकता है। ओडिशा में पंजीकरण प्राधिकार की ओर से इस उद्देश्य के लिए विशिष्ट प्रावधान नहीं होने के कारण पड़ोसी राज्यों से मुकाबला नहीं करने दिया जा रहा है।

उक्त बातें बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में क्रेडाई ओडिशा के चेयरमैन डीएस त्रिपाठी ने कही। उन्होंने कहा कि राज्य में आवासीय क्षेत्र में निवेश सर्वकालीन निम्न स्तर पर पहुंच गया है क्योंकि, स्थानीय उपभोक्ता प्रतियोगी पेशकश के कारण अन्य राज्यों में रियल एस्टेट में निवेश कर रहे हैं। राज्य सरकार सुलभ आवास व्यवसाय करने में सुगमता, स्टार्ट अप और स्टैंडअप के लिए प्रतिबद्ध है। न्यूनतम शुल्क समेत डीएसीजीपीए केलिए अलग श्रेणी बनाने का सुझाव दिया, जिसमें रीयल इस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके।

इससे सूक्ष्म एवं लघु श्रेणी के उद्यमियों को लोगों को सुलभ मूल्य पर आवास उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी। इसके साथ ही पंजीकरण प्राधिकरण को इससे तीन से चार गुणा राजस्व प्राप्त होगा। इसके साथ ही इसमें आवासीय व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमियों को प्रोत्साहन मिलेगा। पत्रकार वार्ता में क्रेडाई ओडिशा के अध्यक्ष विनय कृष्णदास, महासचिव शशि शेखर गराबडु समेत उमेश खंडेलवाल आदि उपस्थित थे।

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