राजनीति में राम-रावण को लेकर भी मतभेद
राजनीति बड़ी विचित्र होती है। यहां कब कौन राम बन जाए और कब रावण कहना मुश्किल है।
संसू, भुवनेश्वर : राजनीति बड़ी विचित्र होती है। यहां कब कौन राम बन जाए और कब रावण कहना कठिन है। दशहरा के मौके पर जब राम-रावण को लेकर नेताओं की प्रतिक्रिया ली गई तो कांग्रेस, बीजद तथा भाजपा के नेताओं ने अपनी अपनी तरह से रावण व राम की व्याख्या की। अपनी बेबाकी के लिए मशहूर व हाल ही में भाजपा में गए दामोदर राउत ने रावण को लेकर रोचक बातें रखी। कांग्रेस नेता सुरेश राउतराय ने रावण के बारे में कहा कि हमारे दल में भी रावण हैं। हालांकि बात बिगड़ती देख उन्होंने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष निरंजन पटनायक हमारे राम हैं। भाजपा नेता दामोदर राउत ने कहा कि रावण एक प्रवृत्ति है। जनता के हित साधन करने के नाम पर वोट मांगने वाले नेता जब बाद में जनता की सेवा से दूर जाते हैं तो रावण की कहलाएंगे। वहीं बीजद नेता तथा पूर्व सांसद प्रसन्न पाटशाणी ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को राम और खुद को उनका हनुमान बताया। प्रसन्न पाटशाणी के अनुसार बीजू बाबू अपने समय राम थे अब नवीन पटनायक राम है और वह हनुमान की भूमिका में हैं।