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ओडिशा में बसे राजस्थानी व्यापारियों से राजस्थान सरकार ने किया घर वापसी का अनुराेध

राजस्‍थान सरकार ने ओडिशा में बसे राजस्‍थानी व्‍यापारियों को राजस्थान का गौरव बताते हुए घर वापसी का अनुराेध किया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 02:13 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 02:13 PM (IST)
ओडिशा में बसे राजस्थानी व्यापारियों से राजस्थान सरकार ने किया घर वापसी का अनुराेध
ओडिशा में बसे राजस्थानी व्यापारियों से राजस्थान सरकार ने किया घर वापसी का अनुराेध

भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा में पिछले कई दशकों से रहकर विभिन्न व्यवसाय से जुड़े राजस्थानी व्यापारियों को लुभाने में राजस्थान की सरकार जुट गई है। इन व्यापारियों को लुभाने के लिए राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि न सिर्फ इनके साथ चर्चा किए बल्कि उन्हें राजस्थान का गौरव बताने के साथ प्रदेश में निवेश करने का प्रलोभन देते हुए घर वापसी करने का अनुरोध भी किया। यह सब राजधानी भुवनेश्वर में मारवाड़ी युवा मंच एवं तेरापंथ युवक परिषद के नेतृत्व में स्थानीय तेरापंथ भवन परिसर में राजस्थान में निवेश के अवसर विषय पर आयोजित विजिनेस मीट कार्यक्रम में देखने एवं सुनने को मिला। 

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विजिनेस मीट कार्यक्रम में भाग लेते हुए रिको के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक एस.सी.गर्ग ए​वं आदित्य कुमार शर्मा कहा कि राजस्थान में 2019 में नई सरकार के आने के बाद प्रदेश में व्यापार एवं उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई नीति के तहत काम कर रही है। नई सरकार ने पुरानी नीतियों को काफी हद तक बदल दिया है और देश के सभी प्रांत में जाकर व्यापारियों खासकर राजस्थानी व्यापारियों से अपने प्रदेश में निवेश करने के लिए आह्वान एवं प्रेरित किया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत अब देश के 70 से 80 प्रतिशत हिस्सों में ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था की गई है, हवाई सेवा को बेहतर किया गया है, गवर्नेन्स की सुविधा बेहतर हुई है, उद्योग लगाने के  लिए जमीन रेजिस्ट्रेशन के लिए तीन साल तक कोई भी लाइसेंस नहीं मांगा जाएगा, वाडमेर-जोधपुर के बीच नए इनवेस्टमेंट की व्यवस्था की गई है। प्राइवेट लैंड लेकर भी यदि कोई उद्योग लगाना चाहता है तो उसके लिए भी सरकार की तरफ से छूट की व्यवस्था की गई है। एमएसएमई एक्ट के तहत 100 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट के लिए राजस्थान सरकार ने स्पेशल पैकेज देने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही टूरिज्म को विकसित किया जा रहा है, सरकार की नीतियों के कारण आज राजस्थान में पानी की कोई किल्लत नहीं है।

शर्मा ने कहा कि आज से 40 साल पहले राजस्थान में पानी की किल्लत थी। इसके कारण राजस्थान से काफी संख्या में लोग देश के विभिन्न राज्यों में गए और वहां पर अपनी जीवटता का परिचय दिया। देश के कोने कोने में हमारे भाइयों ने राजस्थान का नाम रोशन किया है, मगर आज राजस्थान बदल गया है और अपने प्रदेश को और अधिक विकसित करने के लिए हम आप सबके बीच आह्वान करने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए रिको काम करता है।

इस अवसर पर भुवनेश्वर मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष संजय लाठ, जैन समाज के अध्यक्ष महेश सेठिया, तेयुप के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य वीरेन्द्र बेताला, मायुम के अध्यक्ष मुन्ना लाल अग्रवाल, तेयुप के अध्यक्ष रतन मणोत प्रमुख मंचासीन थे। मंच संचालन करते हुए वीरेन्द्र बेताला ने इस अवसर पर कहा कि पूरे भारत के विकास में राजस्थान के लोगों का बड़ा योगदान है। भारत के कोने-कोने में जहां भी राजस्थान के लोग गए वहां का विकास किया है। संजय लाठ ने कहा कि हमने राजस्थान छोड़ा और वहां पर इनवेस्टेंट भी छोड़ दिया। उन्होंने गुजराती समाज का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें अपने प्रदेश के विकास के लिए आगे आना चाहिए। इस अवसर पर कई सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे और आगामी दिनों में राजस्थान में इनवेस्टमेंट के लिए सरकार की योजनाओं को बारीकी से समझा। 

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