कौशिकी के याद पिया की आए.. गीत पर मुग्ध हुए श्रोता
स्थानीय राजारानी मंदिर परिसर में जारी 3 दिवसीय राजारानी उत्सव की अंतिम शाम बांसुरी वादन के साथ हिदुस्तानी गायन की धूम रही।
संसू, भुवनेश्वर : स्थानीय राजारानी मंदिर परिसर में जारी 3 दिवसीय राजारानी उत्सव की अंतिम शाम बांसुरी वादन के साथ हिदुस्तानी गायन की धूम रही। पर्यटन विभाग के सचिव विशाल देव तथा नृत्यांगना पद्मश्री अरुणा महांती ने दीप प्रज्वलित कर उत्सव का शुभारंभ किया। पहली प्रस्तुति बनारस से आए कलाकार राजेंद्र प्रसन्ना ने अपनी जादुई बांसुरी से श्रोताओं का मन मोह लिया। उन्होंने राग मारवा में विलंबित एक ताल तथा मध्यम एवं तीनताल पर बांसुरी बजाई। प्रसन्ना ने अपनी अंतिम प्रस्तुति पहाड़ी धुन से श्रोताओं में सिहरन उत्पन्न कर दी। ऋषभ प्रसन्ना एवं श्रीनिवास सतपथी ने उनके साथ बांसुरी तथा तबले पर अभिषेक मिश्रा ने संगत की। इसके उपरांत हिदुस्तानी गायन पेश करने आयीं कौशिकी चक्रवर्ती ने प्रसिद्ध गीत पिहरवा को बिरमायो गाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने तराना एवं याद पिया की आए के जरिए श्रोताओं को बांधे रखा। कौशिकी चक्रवर्ती के साथ तबले पर संदीप घोष एवं हारमोनियम पर गौरव ने संगत की। तानपुरे पर संघमित्रा सरकार एवं सच्चिदानन्द साहू ने सहयोग किया। युवा कलाकार कौशिकी चक्रवर्ती ने राजारानी परिसर में मौजूद श्रोताओं को अपने गायन से भाव-विभोर कर दिया।