पुरी रथ यात्रा की तैयारियां जोरो पर, गंजाम वन में पेड़ों की कटाई शुरू, जंगल में जुुटी लोगों की भीड़
20 जून को आयोजित होने वाले रथ यात्रा के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। इसके लिए लकड़ी संग्रह का काम शुरू हो चुका है। गंजाम वन में पेड़ों की कटाई शुरू कर दी गई है। मंदिर प्रशासन ने इसके लिए पेड़ों की पहचान कर ली है।
संतोष कुमार पांडेय, अनुगुल। पुरी में रथ यात्रा उत्सव के लिए तीन रथों के निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई की रस्म गुरुवार को ओडिशा के गंजाम जिले के उत्तरी घुमसरा वन परिक्षेत्र में शुरू हुई। आज पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) द्वारा पहचाने गए दो मृत फासी पेड़ (एनोजिसस एक्यूमिनेट) को जय जगन्नाथ के मंत्रोच्चारण और अनुष्ठानों के बीच केंद्रीय कलिम्बा वन में गिरा दिया गया।
एक हफ्ते पहले कर ली गई थी पेड़ों की पहचान
गौरतलब है कि करीब एक सप्ताह पहले एसजेटीए का प्रतिनिधित्व करने वाली एक टीम ने इस क्षेत्र का दौरा किया था और सेंट्रल कलिंबा, तारासिंघी और मुजागड़ा के जंगलों में 29 पेड़ों की पहचान की थी। भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथों के निर्माण के लिए नौ फासी के पेड़ और 20 धौरा के पेड़ (एनोजिसस लैटिफोलिया) की पहचान की गई थी।
अक्षय तृतीया से शुरू होगा रथ बनाने का काम
पेड़ों को काटने से पहले बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाओं ने जंगल की ओर जाने वाली सड़क पर झोटी ( चावल के घोल से बनी हुई कलाकृति) बनाकर सभी का स्वागत किया। पेड़ों की कटाई को देखने के लिए स्थानीय ग्रामीणों की भीड़ के साथ वन विभाग के अधिकारी, पुजारी और श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के सदस्य मौजूद थे।
इन तीन लकड़ी से बनाए जाते हैं रथ
परंपरा के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन से रथों के रथ निर्माण कार्य प्रारंभ करने के लिए निर्धारित संख्या में लठ्ठों के टुकड़े किए जाएंगे। परंपरागत रूप से, पवित्र त्रिनीति के तीन लकड़ी के रथों के निर्माण में धौरा, फासी और आसन लॉग के 865 लट्ठों का उपयोग किया जाता है।
20 जून को है रथ यात्रा
इस साल पवित्र त्रिमूर्ति की रथ यात्रा 20 जून को होने वाली है। इनमें से एक है नंदी घोष रथ, जो प्रभु जगन्नाथ का है। इसकी ऊंचाई 45 फीट होता है। इसमें 16 चक्के होते हैं। दूसरा देवदलन रथ है, जो माता सुभद्रा का है। यह 43 फीट ऊंचा होता है। इसमें 12 चक्के होते हैं। तीसरा तालध्वज रथ बलभद्रजी का है। 44 फीट ऊंचे इस रथ में 14 चक्के लगे होते हैं।