गांव में रास्ता न होने से 15 किमी पालकी में लादकर गर्भवती महिला को अस्पताल लाया
गांव में रास्ता न होने से 15 किमी तक पालकी में लादकर एक गर्भवती महिला को अस्पताल लाया गया।
भुवनेश्वर, जासं। ओडिशा में शनिवार को गंजाम जिला के पात्रपुर ब्लाक बादुआ गांव में रास्ता न होने के कारण 15 किमी तक पालकी में लादकर एक गर्भवती महिला को अस्पताल लाया गया।
जानकारी के मुताबिक, गांव के रवीन्द्र नायक की पत्नी हीरामणि को शनिवार को प्रसव पीड़ा हुई। इसके बाद उन्होंने एक पुत्र संतान को जन्म दिया। हालांकि पूरा प्रसव न हो पाने से बच्चा अर्द्धप्रसव अवस्था में था। इसे देख गांव के लोगों ने हीरामणि को अस्पताल ले जाने पर विचार किया। गांव में रास्ता न होने से गाड़ी या एंबुलेंस पहुंचाना संभव नहीं था। ऐसे में लोगों ने पालकी बनाकर उक्त महिला को 15 किमी दूर रास्ते (तलबुराडाल) तक ले आए। इसके बाद सरकारी गाड़ी से उक्त महिला को पात्रपुर स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। महिला की स्वास्थ्य अवस्था बिगड़ जाने से प्राथमिक इलाज के बाद उसे बरहमपुर बड़ा मेडिकल को स्थानांतरित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि तीन दिन पहले तितली तूफान में मरी बेटी के शव को 8 किमी कंधे पर लादकर लेकर चलना पड़ा था। घटना गजपति जिला के रायगड़ ब्लाक अंतर्गत आतंकपुर गांव की थी। गांव के मुकुंद दोरा की 8 साल की बेटी बनिता का शव एक झरने में मिला। गांव वाले व परिवार वालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस आई और चली गई। काफी समय तक जब कोई नहीं आया तो फिर मुकुन्द शव को कंधे पर लादकर पोस्टमार्टम कराने के लिए अस्पताल के लिए निकल पड़े। कुछ दूरी पर जाने के बाद पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की।