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Odisha: मुफ्त बिजली देंगे तो हो जाएगी श्रीलंका जैसी स्थिति, विपक्ष की मांग पर मंत्री प्रताप देव की दो टूक

Odisha news ओडिशा विधानसबा में चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों ने दिल्ली-पंजाब की तरह मुफ्त बिजली की मांग की। इस पर बिजली मंत्री ने कहा कि ऐसा किया गया तो स्थिति खराब हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने राज्य सरकार के बिजली के क्षेत्र में की गई उपलब्धियों को गिनाया।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Sat, 18 Mar 2023 02:02 PM (IST)Updated: Sat, 18 Mar 2023 02:02 PM (IST)
Odisha: मुफ्त बिजली देंगे तो हो जाएगी श्रीलंका जैसी स्थिति, विपक्ष की मांग पर मंत्री प्रताप देव की दो टूक
ओडिशा विधानसभा में उठा फ्री बिजली देने का मामला

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा विधानसभा में टाटा पावर के बिजली शुल्क वसूली का मुद्दा भाजपा और कांग्रेस के विधायकों ने उठाते हुए नाराजगी जाहिर की है। चर्चा के दौरान राज्य सरकार के दायित्व और टाटा पावर के आभिमुख्य को लेकर विरोधी दल के नेताओं ने सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला।

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इसी बीच, विरोधी दल के विधायकों का जवाब देते हुए बिजली मंत्री प्रताप देव ने कहा कि मुफ्त में बिजली देंगे तो श्रीलंका जैसी स्थिति हो जाएगी।

विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने कहा कि उपभोक्ताओं के हित को महत्व दिए बिना गला निचोड़कर बिल वसूले जा रहे हैं। जबकि ओडिशा बिजली सुधारों में पहला राज्य है, सरकार की गलत नीतियों और विभागीय अक्षमता के कारण बिजली की दरों में वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दर 5.11 रुपये प्रति यूनिट है, जबकि राज्य में यह 5.22 पैसे प्रति यूनिट है। प्रचालनात्मक चूकों के कारण होने वाली वाणिज्यिक हानियों का भार ग्राहकों पर डाला जा रहा है।

ओडिशा विद्युत विनियामक आयोग अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहा है। मोहन माझी ने कहा कि अक्षय ऊर्जा को महत्व ना देने और थर्मल पावर पर निर्भरता बढ़ाने से बिजली दर में कमी नहीं आ रही है।

इस बीच, कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सलूजा ने कहा कि सरकार बिजली परिहन संबंधित खर्च नुकसान को कम करने में विफल रही है। ओडिशा एक बिजली अधिशेष राज्य बन गया है और बिजली की दरें बढ़ रही हैं। यह लोगों पर बोझ है। दिल्ली, पंजाब की तरह उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली देनी चाहिए।

97 प्रतिशत घरों तक पहुंची बिजली

मंत्री प्रताप देव ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से लगाए गए आरोप वास्तविकता पर आधारित नहीं हैं। साल 2000 में मात्र 28 प्रतिशत घरों तक बिजली पहुंचाई गई थी, लेकिन अब 97 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंचा दी गई है।

उन्होंने कहा कि 2000 में 16 लाख बिजली उपभोक्ता थे और बिजली की मांग 10,000 मिलियन यूनिट थी। 2023 में यूजर्स की संख्या 98 लाख तक पहुंच गई। मांग बढ़कर 27,400 मिलियन यूनिट हो गई है। पीक घंटों के लिए 5,200 मिलियन यूनिट की आवश्यकता होती है।

57 से 26 फीसदी पर पहुंचा घाटा

मंत्री ने कहा कि बिजली परिवहन से होने वाले नुकसान को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। साल 2000 में घाटा 57 फीसदी था, जो 2023 में घटकर 26 फीसदी रह गया। बिजली मंत्री प्रताप देव ने कहा कि पानी, हवा और बिजली सभी के लिए जरूरी है, ऐसे में मुफ्त देने से श्रीलंका जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी।


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