भुवनेश्वर में प्रतिबंध के बावजूद इस्तेमाल हो रही है पॉलीथिन, 2 टन थैली जब्त; वसूला गया 50 हजार जुर्माना
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में प्रतिबंधित पॉलीथीन का खूब प्रयोग किया जा रहा है ऐसे में पिछले कुछ दिनों से भुवनेश्वर नगर निगम जोन के हिसाब से छापामारी करना शुरु किया है। 2 अक्टूबर वर्ष 2018 गांधी जयंती के दिन इसे प्रतिबंधित किया गया था।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राजधानी भुवनेश्वर में एकक प्रयोग वाली पॉलिथीन के उत्पादन, बिक्री एवं प्रयोग को 2 अक्टूबर वर्ष 2018 गांधी जयंती के दिन से ही प्रतिबंधित कर दिया गया है। 50 माइक्रोन से कम वाली पॉलिथीन को बेचने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है केवल दुग्ध द्रव्य एवं दवा पैकेजिंग में प्रयोग होने वाली पॉलिथीन को इससे अलग रखा गया है। बावजूद इसके प्रशासनिक लापरवाही तथा लोगों में जागरूकता की कमी के चलते बाजार में धड़ल्ले से पॉलिथीन का प्रयोग जारी है। ऐसे में पिछले कुछ दिनों से भुवनेश्वर नगर निगम जोन के हिसाब से छापामारी करना शुरु किया है। दक्षिण-पूर्व एवं उत्तर जोन के आई गिणिया आलू गद्दी इलाके के विभिन्न जगहों पर सोमवार को छापेमारी की गई। इसी के तहत साहू ट्रेडर्स की गोदाम पर हुई छापेमारी में बीएमसी स्क्वाड ने 2 टन एकक व्यवहार योग्य पॉलिथीन बैग, डिस्पोजेबल ग्लास, थाली, कटोरी आदि जब्त किया। इसके साथ ही इस गोदाम के मालिक पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
जानकारी के मुताबिक यह गोदाम मालिक काफी लंबे समय से पॉलिथीन संग्रहित कर भुवनेश्वर, खुर्दा एवं आस-पास इलाके में भेज रहा था। इस संबंध में बीएमसी के पास शिकायत मिलने के बाद एक टीम गठन कर गोदाम पर छापामारी की गई। बीएमसी एवं प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों ने गोदाम में रखी गई सामग्री की जांच की। अधिकांश सामग्री बिक्री संग्रह एवं प्रयोग योग्य ना होने की बात जानने के बाद इसे जब्त कर लिया। जब्त सामग्री को बीएमसी कार्यालय लाया गया और गोदाम के मालिक को नोटिस दिया गया है। बीएमसी दक्षिण पश्चिम के डिप्टी कमिश्नर रवि नारायण सेठी ने कहा है कि दोबारा इस तरह के कारोबार में पकड़े जाने पर गोदाम मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले भगवानपुर इलाके में मौजूद एक पॉलिथीन कारखाना में बीएमसी ने छापामारी की थी और इस कारखाने से 25 किलो वाले 69 बोरा पॉलीथिन कैरी बैग जब्त किया था इसके साथ ही कारखाना के मालिक पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। उल्लेखनीय है कि पॉलिथीन खुले में फेंके जाने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। इसके साथ ही गंभीर स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हो रही है। आवारा पशु पॉलिथीन मिश्रित खाद्य खाने से मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। पॉलिथीन को जलाने पर वायु प्रदूषण हो रहा है। जलाशय में पॉलिथीन जाने पर पानी प्रदूषित होने के साथ ही उसमें मच्छर, मक्खी के वंश में वृद्धि हो रही है जो मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारी के वाहक बन रहे हैं।