विवाह का आश्वासन दे शारीरिक संबंध बनाना दुष्कर्म नहीं: ओडिशा हाईकोर्ट
ओडिशा हाईकोर्ट ने एक जमानत याचिका की सुनवाई करते कहा है की शादी का आश्वासन देकर शारीरिक संबंध रखने को दुष्कर्म नहीं कहा जाएगा।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। विवाह का आश्वासन देकर शारीरिक संबंध दुष्कर्म नहीं है। यह राय ओडिशा हाईकोर्ट ने दी है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शादी का आश्वासन देकर शारीरिक संबंध रखने को दुष्कर्म नहीं कहा जाएगा। एक जमानत याचिका की सुनवाई करते हुए ओडिशा हाईकोर्ट ने यह राय दी है। संपृक्त मामले में अभियुक्त को जमानत देने के लिए भी हाईकोर्ट ने निचली अदालत को आदेश दिया है।
27 नवम्बर 2019 को कोरापुट जिला के पटांगी थाना में एक 19 वर्षीय युवती ने दुष्कर्म का आरोप लाया था। युवती ने अपने आरोप में कहा था कि उसी के गांव के युवक अच्यूत कुमार विवाह का आश्वासन देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाये थे। यहां तक कि वह दो बार गर्भवती भी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया था। कोरापुट जयपुर के विशेष सेशन अदालत ने अभियुक्त की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
इसके खिलाफ अभियुक्त हाईकोर्ट गया था। मामले की सुनवाई कर अभियुक्त को जमानत देने के लिए हाईकोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने अपनी राय में कहा है कि विवाह का आश्वासन देकर शारीरिक संबंध स्थापित करने को दुष्कर्म का दर्जा देना ठीक नहीं है। युवती जब अपनी इच्छा से संपर्क रख रही है तो फिर दो लोगों के संपर्क के लिए दुष्कर्म कानून का प्रयोग करना ठीक नहीं है। इस तरह की घटनायें कमजोर, गरीब वर्ग की महिलाओं के साथ हो रही हैं एवं दुष्कर्म कानून उनकी समस्या का समाधान नहीं कर पाता है, कहते हुए हाईकोर्ट ने नाराजगी भी जाहिर की।
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