Locust Attack: कृषि विशेषज्ञों ने बताये टिड्डी दल से बचाव के उपाय
Locust Attack कृषि मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में ओयूएटी के डीन ललित मोहन गड़नायक ने ओडिशा के किसानों को टिड्डी दल से बचाव का तरीका बताया।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। Locust Attack राजस्थान के रास्ते मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र आदि राज्य में आतंक मचा रहे टिड्डी दल को लेकर ओयूएटी (Orissa University of Agriculture and Technology) के डीन ललित मोहन गड़नायक ने ओडिशा के किसानों को सलाह देते हुए कहा है कि राज्य के किसानों को इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है। ओडिशा में कभी भी टिड्डी दल के आने का इतिहास नहीं रहा है। हालांकि साथ ही उन्होंने राज्य के किसानों को इस दल के प्रकोप से बचाने की सलाह भी दी है। उन्होंने कहा है कि नीम तेल या बीज का प्रयोग कर किसान अपनी फसल का बचाव कर सकते हैं और उन्हें इस समस्या से निजात भी मिल जाएगा।
कृषि मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में टिड्डी दल को लेकर भयभीत ना होने के लिए राज्य के किसानों की सलाह दी गई है। फसलों को टिड्डी दल से बचाने के लिए कृषि विभाग के साथ ओडिशा एवं संप्रसारण शिक्षा निदेशालय की तरफ से किसानों को सलाह दी गई है। वर्तमान टिड्डी दल राजस्थान को पार कर मध्यप्रदेश में पहुंच गया है। यह दल कभी भी ओडिशा नहीं आया है मगर पश्चिम ओडिशा में इसे लेकर खतरा जरूर है। ऐसी किसी भी परिस्थिति उत्पन्न होने पर फसल को बचाने के लिए बाजार में मिल रहे 300 पीपीएम के नीम आधारित कीटनाशक को एकड़ प्रति 1 लीटर के हिसाब से 200 लीटर पानी में मिलाकर अपराह्न के बाद छिड़काव करने की सलाह दी गई है।
टिड्डी दल आता है तो फिर टीन बजाकर, कंटीली डाल से पीटकर खदेड़ने जैसी सलाह दी गई है। ओयूएटी के डीन ललितमोहन गड़नायक ने कहा है कि बारिश के कारण टिड्डी दल की संख्या बढ़ गई है। वे राजस्थान को पार कर महाराष्ट्र तक पहुंच गए हैं। हालांकि ओडिशा के किसानों को इससे विचलित होने की जरूरत नहीं है। नीम तेल, नीम के बीज का प्रयोग कर इस समस्या से किसान निजात पा सकेे।