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Delhi Violence: दिल्ली में हुए खूनी संघर्ष पर ममता बोलीं, भंग न हो देश की शांति; महाप्रभु से की प्रार्थना

Delhi Violenceदिल्ली में हो रहे खूनी संघर्ष पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि देश की शांति भंग नहीं होनी चाहिये इसके लिए उन्‍होंने महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी से प

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 11:51 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 11:51 AM (IST)
Delhi Violence: दिल्ली में हुए खूनी संघर्ष पर ममता बोलीं, भंग न हो देश की शांति; महाप्रभु से की प्रार्थना
Delhi Violence: दिल्ली में हुए खूनी संघर्ष पर ममता बोलीं, भंग न हो देश की शांति; महाप्रभु से की प्रार्थना

भुवनेश्वर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश की राजधानी दिल्ली में हो रहे खूनी संघर्ष पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि देश की शांति भंग नहीं होनी चाहिए। खून नहीं हम शांति चाहते हैं। पश्चिम बंगाल, ओडिशा के साथ पूरे देश के लोग शांति से रहें, महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के सामने हमने यही प्रार्थना की है। 

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महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का दर्शन करने के बाद मीडिया से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि मानव-मानव के बीच संघर्ष, हिंसा, झगड़ा या किसी प्रकार का भेदभाव न हो। देश अच्छे से रहे और आगे बढ़े। हम सब भारतीय हैं एवं आपस में भाई बहन हैं। सभी हंसी खुशी से सुख शांति रहें, महाप्रभु के सामने हमने यही कामना की है। जानकारी के अनुसार बुधवार अपराह्न 4 बजकर 10 मिनट पर ममता बनर्जी श्रीमंदिर कार्यालय के सामने पहुंची थी। यहां पर पुरी के जिलाधीश बलवंत सिंह ने उनका स्वागत किया।

इसके बाद सिंहद्वार चकड़ा में वरिष्ठ दइतापति सेवक जगन्नाथ स्वांई महापात्र, रामकृष्ण दासमहापात्र, रामचन्द्र दासमहापात्र आदि ने खंडुआ एवं फुल माला प्रदान कर स्वागत किया। अरुण स्तम्भ के पास दीप जलाकर पतितपावन को दर्शन करने के बाद ममता बनर्जी श्रीमंदिर के अंदर प्रवेश की और चतुर्धा मूर्तियों का दर्शन करने के साथ अपने साथ लाए फल, फूल, वस्त्र आदि सेवायतों को देकर पूजा अर्चना की।

दान दक्षिणा करने के बाद वह बेहरण द्वार से बाहर निकली। इसके बाद वह मुक्ति मंडप, मां विमला मां, सरस्वती, महालक्ष्मी आदि मंदिर में घूमकर भी दर्शन की। इस समय नीलचक्र में बांधे जा रहे ध्वजा के दृश्य को देखकर वह मंत्रमुग्ध हो गई। नीलचक्र में ध्वजा बांध रहे चुनारा सेवक जब नीचे उतरे तो एक उतारी गई ध्वजा को ममता को पहना दी। महाप्रभु के इस ध्वजा को पाकर ममता गदगद हो उठी।

करीबन 40 मिनट तक उन्‍होंने श्रीमंदिर में गुजारे। सिंहद्वार से बाहर निकली ममता ने कहा कि उन्‍होंने कई बार श्रीमंदिर आकर महाप्रभु के दर्शन किये हैं, मगर इस बार मुझे जिस प्रकार से महाप्रभु का दर्शन हुआ है, उससे मुझे बहुत खुशी हुई है। उन्होंने अपने आप को महाप्रभु जगन्नाथ जी भक्त भी बताया और कहा कि मैं अपने घर पर भी महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की पूजा करती हैं। ममता बनर्जी के दर्शन करने के समय पुरी श्रीमंदिर के बाहर एवं अन्दर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई थी।

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