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Odisha Train Tragedy: एक ही शव पर बहू और ससुर ने साथ ठोक दिया दावा, आखिर किसकी सुने बात, कौन है असली हकदार

Odisha Train Tragedy कार्तिक की पत्‍नी रमामणि अपनी दो साल की बच्‍ची को लेकर बालेश्‍वर अपने मायके रहती है जबकि उसके पिता पंचानन पश्चिम बंगाल में रहते हैं। कार्तिक की हादसे में मौत हो जाने के बाद दोनों शव पर दावा कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Thu, 08 Jun 2023 11:06 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jun 2023 11:06 AM (IST)
Odisha Train Tragedy: एक ही शव पर बहू और ससुर ने साथ ठोक दिया दावा, आखिर किसकी सुने बात, कौन है असली हकदार
एक ही शव पर पत्‍नी और पिता ने ठोका दावा।

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। Odisha Train Tragedy: बाहानगा रेल हादसे के बाद अब शवों को लेकर विवाद देखे जा रहे हैं, जिससे अभी भी 80 से अधिक शवों का हस्तांतरण प्रक्रिया बाकी है। हालांकि, अब तक जो विवाद सामने आए थे उसमें एक शव के कई दावेदार सामने आ रहे थे, मगर आज जो विवाद सामने आया है, उसमें शव की पहचान होने के बाद उसे लेने के लिए मृतक पत्नी एवं पिता दोनों ने दावा किया है।

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एक ही शव को दो दावेदार आए सामने

अब सवाल यह उठता है कि बाहानगा ट्रेन हादसे में मारे गए कार्तिक बेरा के पार्थिव शरीर को कौन ले जाएगा, पिता या पत्नी? इसको लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। नतीजतन, पहचान होने के बाद भी शव को किसी को नहीं सौंपा गया है।

पति के निधन पर पत्‍नी का रो-रोकर बुरा हाल

जानकारी के मुताबिक, बालेश्वर जिले में रमामणि अपने पति को लेकर रो-रो कर बेहाल हो गई थी क्योंकि उन्हें पता ही नहीं चल पा रहा था कि उनका पति कार्तिक बेरा इस हादसे में जिंदा है या मर गया है।

अपनी पति के बारे में पता लगाने के लिए वह बालेश्वर से एम्स भुवनेश्वर और कीम्स भुवनेश्वर के साथ कई और अस्पतालों के चक्कर काट रही थी। अपनी दो साल की बच्ची को लेकर वह पति की तलाश में जुटी थी।

आखिरकार उसने पैर की उंगलियों को देखा और अपने पति को पहचान लिया। हालांकि, इसके बावजूद कार्तिक के पार्थिव शरीर को एम्‍स ने उन्‍हें नहीं सौंपा। 

बूढ़े पिता का भी दुख नहीं है कम

इधर बेटे को खोने वाले बूढ़े पिता पंचानन का दुख भी कम नहीं है। ट्रेन हादसे की खबर मिलने के बाद वह भी अपने बेटे की तलाश के लिए पश्चिम बंगाल से पहुंचे। चूंकि ससुर और बहू अलग-अलग रहते हैं, ऐसे में दोनों कार्तिक के शव को ले जाने की जिद पर अड़ गए। इससे एम्स और बीएमसी के लिए एक अनिश्चित स्थिति पैदा कर दी।

डीएनए जांच के लिए दिल्‍ली भेजे गए खून के नमूने

कार्तिक का शव पिछले दो दिनों से रमामणि या पंचानन को नहीं दिया गया है। पत्नी रमामणि की दो साल की बेटी और पिता पंचानन बेरा के रक्त के नमूने एम्स ने एकत्र किए हैं और डीएनए परीक्षण के लिए दिल्ली भेजे गए हैं। वहां से रिपोर्ट आने के बाद शव सौंप दिया जाएगा। हालांकि, रिपोर्ट आने के बाद भी विवाद सुलझने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

रमामणि का नहीं है ससुरालवालों से कोई नाता

प्राप्त खबर के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के कार्तिक बेरा की शादी ओडिशा के बालेश्वर जिले की रमामणि से हुई थी। कार्तिक चेन्नई की एक कंपनी में काम करता था। रमामणि अपनी दो साल की बेटी के साथ अपने पिता के घर पर रहती थी।

कुछ दिनों से उसका ससुराल वालों से कोई संपर्क नहीं था, लेकिन पति के साथ संबंध सामान्य थे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कार्तिक बेरा की एक और पत्नी भी है। वह कई वर्षों से कार्तिक के साथ नहीं हैं।


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