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ओडिशा पुलिस की कारस्तानी, बिना किसी गलती के ढाई महीने जेल में रहे पिता-पुत्र

अपराध करने के बाद जेल गए तो समझ में आता है। मगर बिना कोई अपराध किए पुलिसिया रौब में यदि आपको जेल में डाल दिया जाए तो खाकी की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 08:10 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jul 2019 06:40 AM (IST)
ओडिशा पुलिस की कारस्तानी, बिना किसी गलती के ढाई महीने जेल में रहे पिता-पुत्र
ओडिशा पुलिस की कारस्तानी, बिना किसी गलती के ढाई महीने जेल में रहे पिता-पुत्र

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : अपराध करने के बाद जेल गए तो समझ में आता है। मगर बिना कोई अपराध किए पुलिसिया रौब में यदि आपको जेल में डाल दिया जाए तो फिर पुलिसिया कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है। ऐसी ही एक घटना ओडिशा में सामने आयी है।

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बगैर कोई गलती किए एक निर्दोष पिता-पुत्र को पुलिस की गलत जांच के चलते ढाई महीने तक जेल में सड़ने को मजबूर होना पड़ा। इन दोनों निर्दोष पिता पुत्र को रविवार को जेल से छोड़ दिया गया है। यह घटना राज्य के मयूरभंज जिला के बादामपहाड़ थाना क्षेत्र की है। पुलिस ने जिस महिला को मृत घोषित किया था उसके अपने घर आ जाने के बाद यह सच्चाई सामने आई है।

दरअसल, विगत 27 अप्रैल को पहाड़पुर गांव के पास जंगल से पुलिस ने एक अज्ञात महिला का शव बरामद किया था। यह शव पुरुणापानी गांव के संजय नायक की पत्नी राइमणि (20) का होने की बात पुलिस ने कही थी। इसके बाद राइमणि की हत्या के आरोप में पुलिस ने उसके पति संजय नायक एवं ससुर मंगला नायक को गिरफ्तार कर लिया था। आठ मई को पुलिस ने उन्हें कोर्ट चालान कर दिया था। इसके बाद से ये पिता-पुत्र जेल में बंद थे।

इसी बीच विगत 18 जुलाई को राइमणि जब अपने घर लौटी तो गांव वाले आश्चर्यचकित हो गए। इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस ने राइमणि को एसडीजेएम कोर्ट में पेश किया। इसके बाद कोर्ट ने संजय एवं उसके पिता को जेल से बरी करने का निर्देश दिया। रविवार को ये दोनों पिता पुत्र जेल से बाहर निकले हैं।

पत्नी के मायके वालों ने दर्ज कराया था हत्या मुकदमा : जेल से रिहा होने के बाद संजय नायक ने बताया कि शादी के एक महीने बाद राइमणि अपने पिता के घर चली गई थी। मैं उसे लाने के लिए वहां गया, मगर वह उस समय घर पर नहीं थी। इसके कुछ दिन बाद एक शव मिला। इसके बाद राइमणि की मैंने हत्या कर दी है कहकर उसके पिता एवं परिवार वालों ने बादामपहाड़ थाना में केस दर्ज करा दिया। इसके बाद पुलिस ने पिता के साथ हमे गिरफ्तार कर लिया।

पिटाई से बचने को कुबूल किया गुनाह : संजय और उसके पिता मंगला नायक ने बताया कि पूछताछ के दौरान हम किसी तरह का अपराध नहीं करने की बात दोहराते रहे। लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनीं और टार्चर किया जाता रहा है। ऐसे में जब कुछ नहीं सूझा तो पुलिस की पिटाई से बचने के लिए हमने हत्या करने का गुनाह कुबूल कर लिया जिसके बाद पुलिस ने हमें जेल भेज दिया।

कटक में मजदूरी कर रही थी राइमणि : मृत घोषित राइमणि अचानक विगत 18 जुलाई को जब अपनी ससुराल लौटी तो उसे पति और ससुर के जेल में होने का पता चला। गांव वालों ने बताया कि उसके मायके वालों ने ही उनके खिलाफ राइमणि की हत्या करने का आरोप लगाकर मामला दर्ज कराया है। राइमणि ने बताया कि उसे कुछ पता नहीं है। वह तो मायका घर छोड़कर कटक चली आयी थी और वहां पर श्रमिक के तौर पर काम रही थी। उसे तो कुछ नहीं हुआ है। इसके बाद ग्रामीणों ने स्थानीय पुलिस को राइमणि के वापस आने की सूचना दी।

पहाड़पुर जंगल में मिले शव का रहस्य बरकरार : राइमणि के जिंदा होने की बात सामने आने के बाद जांच-पड़ताल में ओडिशा पुलिस कितनी गंभीरता दिखाती है, यह तो साफ हो गया है। लेकिन अब सवाल खड़ा हो गया है कि विगत 27 अप्रैल को पहाड़पुर जंगल से मृत अवस्था में बरामद अज्ञात महिला राइमणि नहीं तो फिर किसका था। हालांकि इस संबंध में बादामपहाड़ थाना अधिकारी से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो पायी।


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