Move to Jagran APP

केंद्र उपभोक्ता सुरक्षा कानून पर ओडिशा का एतराज, नियम में बदलाव लाएं केंद्र सरकार

नए खाद्य सुरक्षा कानून 2019 को लेकर ओडिशा ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा है कि वेतन भत्ता आदि खर्च को वहन करे केंद्र सर।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 13 Nov 2019 11:48 AM (IST)Updated: Wed, 13 Nov 2019 11:48 AM (IST)
केंद्र उपभोक्ता सुरक्षा कानून पर ओडिशा का एतराज, नियम में बदलाव लाएं केंद्र सरकार
केंद्र उपभोक्ता सुरक्षा कानून पर ओडिशा का एतराज, नियम में बदलाव लाएं केंद्र सरकार

भुवनेश्वर, जेएनएन। उपभोक्ता सुरक्षा कानून 1986 के बदले केंद्र सरकार की तरफ से बनाए गए नए खाद्य सुरक्षा कानून 2019 को लेकर ओडिशा ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। केंद्र सरकार ने इस कानून के जरिए राज्य सरकार की कई क्षमता को छीनकर संघीय व्यवस्था का उल्लंघन किया है। राज्य सरकार ने सीधे तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार नए कानून को कार्यकारी करने के लिए जो नियमावली तैयार कर रही है उससे पहले ओडिशा की आपत्ति को स्वीकार कर इसमें संशोधन किया जाए। केवल इतना ही नहीं केंद्र सरकार से नियमावली को अंतिम रूप देने से पहले सभी राज्य सरकार के साथ इस संदर्भ में विस्तार से चर्चा करने के लिए ओडिशा ने मांग की है। राज्य खाद्य आपूर्ति मंत्री रणेंद्र प्रताप सवाई ने इस संदर्भ में केंद्र उपभोक्ता व्यापार तथा खाद्य एवं सामान्य आवंटन मंत्री रामविलास पासवान को एक पत्र लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की है।

prime article banner

मंत्री ने अपने पत्र में दर्शाया है कि नए नियम में केंद्र उपभोक्ता सुरक्षा परिषद में राज्य सरकार के उपभोक्ता कल्याण विभाग सचिव को सदस्य के हिसाब से शामिल किया जाना चाहिए। कानून की धारा 29 के अनुसार जिला उपभोक्ता विवाद समाधान आयोग में अध्यक्ष एवं सदस्य के इस्तीफा को स्वीकार एवं अस्वीकार करने की क्षमता राज्य सरकार के हाथ में होनी चाहिए।

आरोप दाखिल करते समय उपभोक्ता नगद या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में दाखिल किए गए देय, राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित हेड आफ अकाउंटेंट्स में दाखिल करने की जरूरत है। इस राशि को राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा रखी जानी चाहिए। उसी तरह से उपभोक्ता मध्यस्थता सेल को राज्य सरकार के  सिफारिश के आधार पर बनाने के लिए केंद्र सरकार नियम में बदलाव लाएं।

मंत्री ने कहा है कि ई-कॉमर्स एवं सीधी बिक्री व्यवस्था में अनैतिक व्यवसाय रोकने के लिए तथा उपभोक्ताओं के हित की रक्षा करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार को मिलकर समुचित कदम उठाने की जरूरत होने का प्रस्ताव दिया है। 

मंत्री ने कहा है कि हम नए कानून में केंद्रीय उपभोक्ता सुरक्षा अधिकारी गठन की प्रक्रिया का स्वागत करते हैं हालांकि इसमें कुछ मौजूद खामियों को बदलने के लिए सलाह दे रहे हैं। मंत्री ने कहा है कि  इस नियम में धारा 16 तथा 19 के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता सुरक्षा अधिकारी किसी भी उपभोक्ता  विवाद मामले में सीधे जिलाधीश को रिपोर्ट तलब कर सकते हैं।

Bali Yatra Festival: कटक में ऐतिहासिक बालीयात्रा मेले का आगाज, दर्शकों का उमड़ा हुजूम

 राज्य सरकार को अनदेखी कर सीधे जिलाधीश को रिपोर्ट तलब किया जाना संघीय व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है। इसे राज्य सरकार के उपभोक्ता व्यापार विभाग के माध्यम से किया जाना उचित है। मंत्री ने कहा है कि नए कानून में जिला तथा राज्य उपभोक्ता आयोग अथवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति के बारे में चयन प्रक्रिया, नियुक्ति शर्तावली, नियुक्ति अवधि, इस्तीफा आदि क्षमता केंद्र सरकार को दिया गया है जो कि बिल्कुल ही स्वीकार योग्य नहीं है। इसमें बदलाव कर वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था को कायम रखने के लिए ओडिशा मांग कर रहा है। इसके साथ ही मंत्री ने कहा है कि राज्य आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों के वेतन तथा भत्ता आदि खर्च के अलावा इसके संचालन खर्च में 75% केंद्र सरकार वहन करें।

 लिमका बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होगा सिर से जुड़े जगा बलिया का ऑपरेशन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.