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Odisha: नव दास हत्याकांड की जांच के लिए क्या अमेरिका की FBI से मांगी गई थी मदद, क्राइम ब्रांच ने बताया इसका सच

Nab Kishore Das Murder क्राइम ब्रांच ने नव दास की हत्याकांड की जांच के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था। यह बात क्राइम ब्रांच से आधिकारिक रूप से बताई गई है। आरोपी की मानसिक रोग की जांच के लिए यह बात उठी थी।

By Jagran NewsEdited By: Roma RaginiPublished: Sun, 28 May 2023 01:52 PM (IST)Updated: Sun, 28 May 2023 01:52 PM (IST)
Odisha: नव दास हत्याकांड की जांच के लिए क्या अमेरिका की FBI से मांगी गई थी मदद, क्राइम ब्रांच ने बताया इसका सच
Nab Kishore Das Murder की जांच एफबीआई से कराने की उठी थी मांग

संवाद सहयोगी, कटक। तत्कालीन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नव दास हत्याकांड की जांच को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच ओडिशा में चर्चा चली कि इस मामले की जांच के लिए अमेरिका के एफबीआई से मदद मांगा गया था।

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एफबीआई से जांच की बात को पहले अफवाह बताया जा रहा था लेकिन क्राइम ब्रांच ने इसे सच बताया है और कहा कि इसके लिए उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा था।

नव दास हत्या मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच अमेरिका के एफबीआई (फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) से मदद मांगा था लेकिन उसको महज एक अफवाह के तौर पर उस समय चर्चा की जा रही थी।

क्राइम ब्रांच ने बताया कि यूएस की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन से जांच कराने की बात अफवाह नहीं है। जांच के लिए एफबीआई से मदद मांगा गया था। यह बात पूरी तरह से सच है।

अधिकारियों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से ओडिशा सरकार ने एफबीआई से मदद मांगा था। यह बात क्राइम ब्रांच से आधिकारिक रूप से बताई गई है।

परिवार ने गोपालदास को बताया था मानसिक रोगी

क्राइम ब्रांच की दी जानकारी में बताया कि नव दास हत्याकांड के बाद आरोपी गोपाल दास को परिजनों ने मानसिक रोगी बताया था। बताया गया कि वह मानसिक रोग की दवाई खाता था।

आरोपी की मानसिक स्थिति जांचने के लिए कटक बड़ा मेडिकल के मानसिक रोग विभाग के स्पेशलिस्ट ने गोपाल दास की मानसिक स्थिति की जांच की और रिपोर्ट में उसे मानसिक स्वस्थ बताया गया।

इसके बाद आरोपी की और वैज्ञानिक तरीके से जांच करने की सलाह दी गई। जिसके बाद नई दिल्ली के केंद्रीय फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी, गुजरात के फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी, कटक बड़ा मेडिकल के स्पेशलिस्ट से मदद मांगी।

यहां तक की बेंगलुरु के निमहंस के जानकार को ओडिशा भेजने की बात चली लेकिन वहां से मदद की बात ठुकरा दी गई।

इसके बाद, क्राइम ब्रांच ने जांच के लिए एफबीआई के बिहेवियर एनालिसिस यूनिट की मदद मांगा था। इस तरह की आपराधिक घटना की जांच के लिए एफबीआई के पास बेहतर स्पेशलिस्ट और मशीन मौजूद है।

ओडिशा सरकार ने केंद्र को लिखा था पत्र

बता दें कि नियम के तहत राज्य सरकार विदेश के किसी संस्थान को सीधे तौर पर मदद के लिए आवेदन नहीं कर सकती है। ऐसे में भारत सरकार के गृह मंत्रालय के माध्यम से इसको लेकर आवेदन किया जा सकेगा।

नव दास हत्या घटने में क्राइम ब्रांच उसी नियम और प्रक्रिया के तहत मदद मांगा था। ओडिशा सरकार के गृह विभाग के जरिए केंद्रीय मंत्रालय के माध्यम से जांच में एफबीआई की सहयोग के लिए आवेदन किया गया था।

राज्य गृह विभाग की ओर से खत नंबर 187/सी/22/2/2023 के माध्यम से आवेदन किया गया था। यह बात क्राइम ब्रांच की ओर से स्पष्ट किया गया है।

इन मामलों में भी FBI से मदद मांगने की लगी थी आवेदन

बता दें कि एफबीआई को भारत के विभिन्न पुलिस एजेंसी की ओर से 26/ 11 मुंबई धमाका घटना और भंवरी देवी हत्याकांड घटना में अधिक जांच के लिए आवेदन की गई थी।


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