11 कीटनाशक कंपनियों पर गिरी गाज
ये कंपनियां अगले साल कीटनाशक दवा बेच पाएंगी, या नहीं उस पर गर्ग ने कहा है कि इस संबन्ध में तकनीकी कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। निम्नमान कीटनाशक दवा बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है। राज्य सरकार ने कीटनाशक बेचने वाली 11 कंपनियों की दवा बिक्री पर रोक लगाने के साथ ही उनके खिलाफ क्यों कानून के अनुसार कार्रवाई न की जाए, जवाब मांगा है।
बुधवार को चकड़ा कीड़ा से प्रभावित राज्य के आठ जिलों में कीटनाशक दवा के संबंध में समीक्षा के बाद कृषि विभाग के मुख्य सचिव सौरव गर्ग ने बताया कि अक्टूबर एवं नवंबर महीने में 100 कीटनाशक दवाओं के नमूने संग्रह कर जांच की गई है। इसमें से 11 कंपनियों की कीटनाशक दवाएं निम्नमान पाई गईं। यह रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित कंपनियों को कैफियत तलब किया गया है। निम्नमान की दवा होने के चलते फसलों में लगा रोग घटने के बजाय बढ़ गया और फसल हानि हुई है। इस नुकसान के लिए क्यों कानून के अनुसार कदम नहीं उठाए जाएं, कंपनियों को जवाब देने के लिए निर्देश दिया गया है। केवल इतना ही नहीं ये 11 कंपनियां अपनी दवा नहीं बेच पाएंगी, इसके लिए भी रोक जारी कर दी गई है। ये कंपनियां अगले साल कीटनाशक दवा बेच पाएंगी, या नहीं उस पर गर्ग ने कहा है कि इस संबन्ध में तकनीकी कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद निर्णय लिया जाएगा। यदि उनका कीटनाशक हानिकारक होगा, तो फिर उन्हें काली सूची में डालने के लिए भी सरकार कदम उठाएगी।
गर्ग ने बताया कि सरकार किसानों की समस्या को लेकर बेहद गंभीर है और हरसंभव कदम उठाए
जा रहे हैं। राज्य के किसानों को हरसंभव सहयोग किया जाएगा। सरकार इस ओर गंभीरता के साथ विमर्श कर आगे की योजना पर काम कर रही है।
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