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DRDO: जमीन से आसमान में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें-इसकी खासियत

Air Missile. डीआरडीओ ने बालासोर उड़ान परीक्षण रेंज में त्वरित प्रतिक्रिया सतह से वायु मिसाइल का सफल परीक्षण किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 04 Aug 2019 04:34 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 05:41 PM (IST)
DRDO: जमीन से आसमान में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें-इसकी खासियत
DRDO: जमीन से आसमान में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें-इसकी खासियत

जासं, भुवनेश्वर। डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने रविवार को बालेश्वर स्थित तीन नंबर लांचिंग केंद्र से क्यूआरएसएएम (क्वीक रिएक्सन सर्फेस टू एयर मिसाइल) का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण रविवार को 11 बजकर 5 मिनट पर किया गया है।

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जानकारी के मुताबिक, कम दूरी तक मार करने वाली इस मिसाइल की मारक क्षमता 30 किमी है। यह जमीन से हवा में भी मार करने में सक्षम है। इससे पहले 16 फरवरी, 2016 व चार जून, 2017 को इसका सफल परीक्षण किए जाने की जानकारी डीआरडीओ की तरफ से दी गई है। डीआरडीओ ने इस मिसाइल को भारत इलेक्ट्रनिक्स लिमिटेड की मदद से सेना वाहिनी के लिए विकसित किया है। यह दुश्मन के टैंक, युद्ध विमान व एयरक्राफ्ट को आसानी से मार गिराने में सक्षम है। इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद वहां उपस्थित वैज्ञानिकों ने खुशी जाहिर की है।

उल्लेखनीय है कि भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे भारी तनाव के बीच भारतीय सेना क्यूआरएसएएम मिसाइल का इससे पहले लगातार दो बार सफल परीक्षण कर अपनी ताकत का इजहार किया कर चुकी है। सतह से हवा में मार करने वाली स्वदेशी निर्मित क्यूआरएसएएम कम दूरी की मिसाइल का ओडिशा के चांदीपुर समुद्री तट परीक्षण रेंज से आज पुन: सफल परीक्षण किया गया है। इस मिसाइल में एक साथ कई लक्ष्य पर निशाना साधने की क्षमता है। यह मिसाइल 30 किमी की दूरी तक प्रहार करने की क्षमता रखती है तथा इसे त्वरित प्रतिक्रिया वाली मिसाइल के रूप में तैयार किया गया है।

इस मिसाइल में हर मौसम में काम करने वाली सशस्त्र प्रणाली है। लक्ष्य को पहचानने व उस पर निशाना लगाने की ताकत है। एलसी-3 परीक्षण रेंज से एक ट्रक पर लगे केमिस्टर के लंचर से इस मिसाइल का दो घंटे के अन्तराल में दो बार परीक्षण किया गया।

इस मिसाइल में लगी सभी प्राद्यौगिकियां और उपप्रणालियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है और मिशन के सभी जरूरतों को पूरा किया है। सभी रडारों, इलेक्ट्रो अप्टिकल प्रणाली, टेलीमेट्री प्रणाली और अन्य स्टेशनों से मिसाइल पर निगरानी रखी गई। आज इस मिसाइल के परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) तथा अंतरिम परीक्षण परिषद (आईटीआर) के वरिष्ठ अधिकारी व वैज्ञानिक दल मौके पर मौजूद थे।

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