अनियमितता के आरोप में हटाये गए ओडिशा के डीजीपी
दमकल विभाग में सुरक्षा प्रमाणपत्र देने में व्यापक अनियमितता का आरोप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक बिजय कुमार शर्मा को उनके पद से हटा दिया है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : दमकल विभाग में सुरक्षा प्रमाणपत्र देने में व्यापक अनियमितता का आरोप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बिजय कुमार शर्मा को पद से हटाकर ओएसडी बना दिया है। शर्मा के स्थान पर नियुक्त आइपीएस अधिकारी अभय के आने तक कार्यकारी डीजीपी के रूप में जेल विभाग के विशेष निदेशक सत्यजीत महांती को पदभार सौंपा गया है। सरकार ने महांती को खुफिया विभाग का निदेशक नियुक्त किया है। इसके अलावा सुनील राय को होमगार्ड एवं दमकल विभाग का डीजी नियुक्त किया गया है। राज्य सरकार ने डीजीपी बीके शर्मा की जगह पर 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी अभय को राज्य के नए पुलिस महानिदेशक के तौर पर नियुक्त किया है। जो वर्तमान हैदराबाद स्थित सरदार बल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस एकेडमी के निदेशक पद पर कार्यरत हैं।
इस संदर्भ में गृह विभाग की तरफ से विज्ञप्ति प्रकाशित होने के बाद राज्य पुलिस के कार्यकारी महानिदेशक के तौर पर सत्यजीत महांती ने पदभार संभाल लिया है। गुरुवार को महांती ने कटक स्थित राज्य पुलिस मुख्यालय पहुंचकर परेड की सलामी लेने के उपरांत विधिवत रूप से यह दायित्व ग्रहण किया। जब तक प्रदेश के नए डीजीपी का दायित्व अभय नहीं संभाल लेते हैं तब तक सत्यजीत महांती उनका कार्यभार संभालेंगे।
कार्यकारी डीजीपी का पदभार संभालने के बाद सत्यजीत महांती ने उन पर विश्वास जताने पर सरकार के प्रति आभार प्रकट किया। कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था किस प्रकार सुव्यवस्थित होगी, इस पर हम विशेष ध्यान देंगे। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा कर जरूरी कदम उठाएंगे। राज्य सरकार ने उन्हें जो दायित्व दिया है उसे सही ढंग से संचालन करने का प्रयास करेंगे।
उल्लेखनीय है कि 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी सत्यजीत महांती खुफिया विभाग के विशेष डीजी, जेल डीजी एवं कटक-भुवनेश्वर के पुलिस कमिश्नर का दायित्व संभालकर अपने कौशल का परिचय दे चुके हैं।
ओएसडी के तौर पर काम करेंगे निवर्तमान डीजीपी शर्मा : दमकल विभाग सुरक्षा प्रमाणपत्र देने में व्यापक अनियमितता का आरोप आने के बाद डीजीपी एवं दमकल विभाग के डीजी के दायित्व में रहने वाले बिजय कुमार शर्मा को अत्यंत ही अपमानजनक ढंग से सरकार ने हटा दिया है। वह अब राज्य सरकार के ओएसडी के तौर पर काम करेंगे।
मुख्य सचिव के नेतृत्व में शर्मा पर लगे आरोप की जांच कमेटी : राज्य सरकार ने निवर्तमान डीजीपी बीके शर्मा पर लगे आरोप की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का भी गठन किया है। इस कमेटी में मुख्य सचिव असीत कुमार त्रिपाठी, विकास कमिश्नर सुरेश चंद्र महापात्र तथा गृह सचिव संजीव चोपड़ा को सदस्य बनाया है। आरोप की जांच करने के बाद यह कमेटी सरकार को रिपोर्ट देगी। विभिन्न माल एवं औद्योगिक संस्थान को दमकल विभाग का प्रमाणपत्र देने के क्षेत्र में शर्मा ने लापरवाही बरती है। इस संदर्भ में उनके खिलाफ विभिन्न संस्थाओं की तरफ से राज्य सरकार के पास आरोप आया था। इस पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए बदली प्रक्रिया शुरू की। पहले शर्मा के हाथ से प्रमाणपत्र देने के अधिकार को सरकार ने छीन लिया। इसके बाद उनके खिलाफ अब जांच का भी निर्देश सरकार ने दे दिया है।
डीजीपी को खिलौना समझती है सरकार : बीके शर्मा को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से हटाकर ओएसडी बनाए जाने पर विपक्षी दलों ने सरकार पर तंज कसा है। कांग्रेस नेता तारा प्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। इस सरकार ने जब मन चाहा डीजीपी को पद से बाहर निकाल फेंका है। सरकार के लिए डीजीपी खिलौना बन गया है। मगर जिस तरह रात को डीजीपी शर्मा को पद से हटाया गया, यह आपत्तिजनक है। सरकार का कहना है कि डीजीपी शर्मा अग्निशमन प्रमाणपत्र जारी करने को लेकर पारदर्शिता नहीं बरत रहे थे तो उनके कारनामों के बारे में क्या सरकार ने पहले से कोई जानकारी नहीं जुटाई थी। अगर नहीं जुटाई थी तो यह सरकार की कमजोरी है।
वहीं, भाजपा का आरोप है कि सरकार बड़े अधिकारियों से अपने मन मुताबिक काम करवाना चाहती है। अगर कोई अधिकारी इससे सहमत नहीं होता है तो उसे निकाल बाहर किया जाता है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पूर्व डीजीपी वीके शर्मा को गृह विभाग का ओएसडी बनाया है फिलहाल उनके पास कोई विभाग नहीं है। सरकार ने शर्मा के खिलाफ जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी भी बनाई है।