प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और खराब मौसम में किसानों की रोजी-रोटी बचाने के लिए ओडिशा के जलवायु बजट की प्रशंसा
ओडिशा के जलवायु बजट का मकसद प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के साथ-साथ बदलते मौसम की स्थिति में आजीविका हासिल करना है। यह एक तरह से किसानों की आजीविका की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। बजट की खूब तारीफ की जा रही है।
जासं, भुवनेश्वर। ओडिशा की एक बार फिर से विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और आजीविका की रक्षा के लिए ओडिशा के जलवायु बजट की प्रशंसा की गई है। ओडिशा का जलवायु बजट देश में पहला है। जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले सतत वित्त कार्य समिति की बैठक में राज्य के वित्त सचिव ने बजट का मसौदा सबसे अच्छी प्रक्रिया के तौर पर पेश किया।
ओडिशा के जलवायु बजट की हो रही तारीफ
जलवायु बजट का उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के साथ-साथ बदलते मौसम की स्थिति में आजीविका हासिल करना है। 2010 के बाद से ओडिशा सरकार मौसम के लिए एक विशेष दीर्घकालिक योजना के साथ एक स्वच्छ बजट ला रही है। जीरो कैजुअल्टी मिशन पर काम किया जा रहा है। जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले राजस्थान के उदयपुर में आयोजित सतत वित्त कार्य समिति की तीन दिवसीय बैठक में ओडिशा के त्वरित बजट की सराहना की गई।
बजट में प्राकृतिक आपदा के समय वैकल्पिक आजीविका का जिक्र
इस बैठक में 90 देशों के प्रतिनिधियों ने वित्तीय क्षेत्र में अपनी उत्कृष्टता प्रस्तुत की। बाजरा मिशन के तहत ओडिशा ने कम बारिश में धान को बदलने, भूमिगत जल संरक्षण और नल जल योजना के साथ-साथ चक्रवात की रोकथाम और समुद्र तट पर सुरक्षा दीवार के लिए मैंग्रोव वनों के निर्माण के लिए कदम उठाए हैं। राज्य सरकार बेमौसम बारिश या सूखे जैसी आपदाओं के मामले में किसानों के लिए वैकल्पिक आजीविका प्रदान कर रही है।
अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए ओडिशा का बजट
जलवायु बजट में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए विशेष बजट, मौसम में अचानक बदलाव की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था, व्यय और टिकाऊ बुनियादी ढांचे की नियमित समीक्षा शामिल है। बैठक में विचार किया गया कि अन्य राज्यों और देशों को ओडिशा के जलवायु बजट को अपनाना चाहिए।