केंद्र सरकार की नयी नीति के खिलाफ एमसीएल का घेराव
केंद्र सरकार की नयी नीति को त्रुटिपूर्ण बताया गया।
संवाद सूत्र, संबलपुर। केंद्र सरकार की नयी नीति की वजह से संबलपुर, झारसुगुड़ा व सुंदरगढ़ जिला में एक-एक कर बंद होते संयंत्र व इसकी वजह से विस्थापन व बेरोजगारी समस्या की आशंका को लेकर बुधवार को झारसुगुड़ा विस्थापित संचेतन समिति की ओर से बुर्ला स्थित महानदी कोलफिल्ड लिमिटेड, एमसीएल का घेराव किया गया। इस घेराव में विभिन्न स्थानों से आये हजारों लोग शामिल रहे। जिसमें केंद्र सरकार की नयी नीति को त्रुटिपूर्ण बताया गया।
झारसुगुड़ा विधायक नवकिशोर दास की नेतृत्व में आयोजित इस घेराव में पूर्व मंत्री जगन्नाथ पटनायक, जगन्नाथ जेना, देवेन पति, मनोज महापात्र, शांतनु होता, सरोज पुजारी समेत कई अन्य ने सभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहाकि हीराकुद बांध निर्माण की वजह से हजारों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा था। इन विस्थापितों को कोयला खदानों व विभिन्न संयंत्रों का निर्माण से दोबारा विस्थापित होना पड़ा था। लेकिन ऐसे लोगों के सामने अब एक बार और विस्थापन का खतरा पैदा हो गया है। केंद्र सरकार की नयी नीति की वजह से संयंत्रों में कोयला आपूर्ति बाधित हो रही है और इसी वजह से कई संयंत्र बंद हो चुके हैं। इन संयंत्रों में काम करने वाले बेरोजगार हो गये हैं। कोयला आपूर्ति नहीं होने से अन्य संयंत्रों पर भी बंद होने का खतरा मंडरा रहा है।
झारसुगुड़ा विधायक नवकिशोर दास ने बताया कि केंद्र सरकार मेक इन इंडिया तथा ओडिशा सरकार मेक इन ओडिशा की बात तो करते हैं। लेकिन इसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा, खनिज संपदाओं से भरपूर ओडिशा का माल बाहरी राज्यों में चला जाता है। ऐसे में ओडिशा में उत्पादित खनिज संपदाओं का लाभ पहले ओडिशा में आपूर्ति करने तथा बाद में अन्य राज्यों में निर्यात करने की मांग की गयी है। दास ने आगे बताया कि एमसीएल द्वारा उत्पादित कोयला ओडिशा से बाहर चला जाता है।
इसी वजह से ओडिशा के संयंत्रों को आवश्यक कोयला नहीं मिल रहा। इसी को लेकर एमसीएल का घेराव किया गया है। समाधान नहीं होने पर आगामी दिनों में भुवनेश्वर में समावेश का आयोजन कर इस आशय का मांग पत्र मुख्यमंत्री को प्रदान किया जायेगा।