तीन सौ परिवारों को गोद लेगी वनबंधु परिषद
नगर स्थित तेरापंथ भवन में आयोजित वनवंधु परिषद राष्ट्रीय महिला समिति की बैठक आयोजित हुई। इसमें कई प्रस्तावों पर चर्चा करने के बाद सर्वसम्मति से कई अहम निर्णय लिए गए।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : नगर स्थित तेरापंथ भवन में आयोजित वनवंधु परिषद राष्ट्रीय महिला समिति प्रबंध समिति की बैठक में गांवों में स्वच्छ परिवेश देने, लोगों को बीमारियों से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने, तीन सौ परिवारों को गोद लेने तथा परिषद से आजीवन जुड़े सदस्यों की आíथक स्थिति सुधारने का निर्णय लिया गया।
अभियान से जुड़े लोगों का ख्याल जरूर रखें : बैठक में महिला समिति की राष्ट्रीय संरक्षक पुष्पा मुंदड़ा ने कहा कि एकल अभियान के साथ 13 हजार लोग पूरी तरह से जुड़कर 70 हजार स्कूलों को सेवा दे रहे हैं, ऐसे में साल में एक-दो बार इनसे मिलने एवं इनका ध्यान रखने का उन्होंने आह्वान किया। कहा कि इसी के तहत परिषद ने 300 परिवार को गोद लेने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि रांची में 37 भाई-बहन को पूर्णकालिक गोद लिया गया है।
गांवों में जाकर तैयार करनी होगी योजना : राष्ट्रीय सचिव लता मालपानी ने कहा कि आज की बैठक का विषय वनयात्रा है। हमारी समितियां कुछ न कुछ सेवा कार्य गांवों में कर रही हैं। उन्होंने दो कार्य विशेष रूप से करने का सुझाव दिया, इसमें गांवों में जहां ड्रेनेज सिस्टम नहीं है, वहां पर सोख्ता गड्ढा बनाने का सुझाव दिया। साथ ही ग्रामीणों को बीमारी से बचाने के लिए जागरूकता अभियान चलाने पर जोर देते हुए गांव का परिवेश समझने के लिए गांव में जाकर योजना तैयार करने का परामर्श दिया।
लक्ष्मी की तरह होना चाहिए बहुओं का आदर : महिला अधिकार अभियान की चेयरपर्सन नम्रता चड्ढा ने महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी द्वारा मां लक्ष्मी जी के त्याग के संदर्भ में विस्तार से जानकारी देते हुए बहुओं का लक्ष्मी की तरह आदर करने का सुझाव दिया। कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जागरूक कर उनका मैरेज रजिस्ट्रेशन तथा उनका बैंक खाता खुलवाने पर जोर दिया।
कोई नकारता है तो उसे अपनी शक्ति बनाएं : श्रुति महापात्र
मुख्य अतिथि श्रुति महापात्र ने कहा कि जीवन एक संघर्ष है और एक-दूसरे से मिलकर हमें ऊर्जा मिलती है। मातृ शक्ति में इतनी ऊर्जा है कि वे बहुत कुछ बदल सकती हैं। उन्होंने उदाहरण के तौर पर अपने जीवन में आए उतार-चढ़ाव सबके सामने रखे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विकलांग शब्द हटाकर दिव्यांग शब्द प्रयोग करने के निर्णय की सराहना करते हुए श्रुति ने कहा कि हमें अपने जीवन में विनम्र होना चाहिए। हर मनुष्य के अंदर शक्ति होती है, उस शक्ति को पहचानना हमारा काम है। यदि कोई आपको नकार रहा है तो उससे उलझने के बदले उसे अपनी शक्ति बनाएं। उन्होंने समिति से दिव्यांग लोगों को अपने साथ जोड़ने का आग्रह किया।