लीवर और पाचन रोग के नए शोध पर हुआ मंथन
क¨लग इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (कीम्स), भुवनेश्वर के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एवं हेपाटोलॉजी विभाग की ओर से परिसर में लीवर एंड डाइजेस्टिव डिसीस पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार से शुरू हुआ।
जासं, भुवनेश्वर : क¨लग इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (कीम्स), भुवनेश्वर के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपाटोलॉजी विभाग की तरफ से परिसर में लीवर एंड डाइजेस्टिव डिसीस पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शनिवार से शुरू हुआ। इस सम्मेलन का उद्घाटन कीट-कीस के संस्थापक डॉ. अच्यूत सामंत ने किया। इस मौके पर कीम्स के सीईओ डॉ. बी पाणिग्रही, मेजर जनरल डॉ. पीके पटनायक, डॉ. एसी आनंद और डॉ मिहिर महापात्र प्रमुख उपस्थित थे। दो दिवसीय सम्मेलन में 11 इंट्रैक्टिव सत्र में मुख्य रूप से पिछले 6 से 12 महीनों के दौरान गैस्ट्रोएंटरोलॉजी जैसे कि ल्यूमिनल (गैस्ट्रो-आंत्र पथ), अग्नाशय, पित्त पथ और यकृत के क्षेत्र में हुए शोध पर मंथन किया गया। युवा उत्साही गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट छात्रों के ज्ञान कौशल को बढ़ाने उद्देश्य आयोजित इस सम्मेलन से एक शोध के तहत पाचन विज्ञान के विविध क्षेत्रों में काम करने वाले शोधकर्ताओं और चिकित्सकों को नए शोध प्रश्न तैयार करने का अवसर मिलने की बात विशेषज्ञों ने कही है। यह सम्मेलन पूर्वी भारत में एक अनुसंधान और शैक्षिक केंद्र बनाने के लिए प्रोफेसर सुब्रत कुमार आचार्य, प्रो चांसलर, केआइआइटी, प्रोफेसर एमेरिटस, केआइएमएस, प्रोफेसर योगेश कुमार चावला, अकादमिक और प्रोफेसर एमेरिटस के अध्यक्ष के ईमानदार प्रयासों का परिणाम है। इस अवसर पर 'प्रोग्रेस इन गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड हेपाटोलॉजी 2019' पुस्तक का अतिथियों ने विमोचन भी किया। इस पुस्तक को कीम्स के प्रोफेसर एसी आनंद एवं बेंगलुरु के डॉ. नरेश भट्ट ने संपादित किया है।