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रहस्‍यों से घिरा है नव दास हत्याकांड: परिवार को है किसी बड़ी साजिश का शक, विपक्ष ने भी जांच पर उठाए सवाल

ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नव दास की हत्‍या का मामला कई रहस्‍यों से घिरा है जिस पर से पर्दा उठना अभी बाकी है। इधर उनके परिवार के सदस्‍यों ने संदेह जताया है कि इसके पीछे शीर्ष स्तर की साजिश है। विपक्ष भी इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenPublished: Tue, 31 Jan 2023 03:54 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jan 2023 03:54 PM (IST)
रहस्‍यों से घिरा है नव दास हत्याकांड: परिवार को है किसी बड़ी साजिश का शक, विपक्ष ने भी जांच पर उठाए सवाल
दिवंगत स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री और आरोपित एएसआइ की फाइल फोटो

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर। ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नव दास की हाल ही में सहायक उप-निरीक्षक (एएसआइ) रैंक के अधिकारी द्वारा दिनदहाड़े की गई नृशंस हत्या अभी भी कई प्रासंगिक सवालों और हत्या के पीछे के सटीक उद्देश्य के रहस्यों से घिरी हुई है। परिवार के सदस्यों ने एक दिन पहले मीडिया के सामने कहा था कि उन्हें नव दास की नृशंस हत्या के पीछे शीर्ष स्तर की साजिश का संदेह है। विपक्षी दलों ने भी इस पूरी घटना पर शीर्ष पुलिस और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।

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घटना को लेकर उठ रहे कई सवाल

हालांकि, इन सबके बीच यह दावा किया जा रहा है कि आरोपी एएसआइ गोपालकृष्ण दास मानसिक रूप से बीमार है और अगर यह बात सही है तो फिर उसे चौकी पर इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी क्यों दी गई है, यह अभी भी एक रहस्य है। इतना ही नहीं, ओडिशा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को फिर उसकी मानसिक स्थिति के बारे के बारे में पता क्यों नहीं था। मामले की जांच कर रही अपराध शाखा के पास भी इस बारे में कोई ठोस जवाब नहीं है कि एएसआइ ने नव दास पर इतने करीब से गोली क्यों चलाई, क्या आरोपी एएसआइ ने किसी व्यक्ति के प्रभाव या निर्देश पर अपराध को अंजाम दिया? ऐसे कई सवालों के जवाब मिलने अभी बाकी है।

क्राइम ब्रांच की जांच पर टिकी लोगों की निगाहें

ऐसे में सभी की निगाहें ओडिशा क्राइम ब्रांच पर टिकी हैं, जिन्‍होंने एएसआइ गोपालकृष्ण दास को पूछताछ के लिए सात दिन की रिमांड पर लिया है। नव दास की हत्या को लेकर चल रहे रहस्य के बीच भाजपा और कांग्रेस सहित विपक्षी दल इस मुद्दे पर ओडिशा सरकार पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ओडिशा भाजपा अध्यक्ष समीर महांति ने मंगलवार को कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार अब कोमा में है। एक कैबिनेट मंत्री की पुलिस कर्मी द्वारा चलाई गई गोली से मौत हो गई और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, जिनके पास गृह विभाग है, ने जांच के संबंध में एक शब्द भी नहीं बोला है। ओडिशा पुलिस के डीजी ने भी घटनास्थल का दौरा नहीं किया और गृह सचिव ने भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। उन्होंने कहा कि 'हम पूछना चाहते हैं कि ओडिशा में सरकार कौन चला रहा है और हमें नहीं पता कि इससे क्या उम्मीद की जाए।'

प्रदेश भाजपा ने की जांच की जिम्‍मेदारी सीबीआइ को देने की मांग

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आरोपित एएसआइ को सरकार ने पूर्व में पुरस्कृत किया था। यह स्पष्ट नहीं है कि किस वजह से उसने स्वास्थ्य मंत्री पर करीब से गोली चलाई। भाजपा राज्य अध्यक्ष ने कहा कि एएसआई अपराध करेगा और ओडिशा पुलिस इसकी जांच करेगी, तो फिर क्या सच्चाई सामने आएगी। अपराध शाखा को कई संवेदनशील मामलों की जांच का जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन वह विफल रही है इसलिए हम ओडिशा सरकार से मांग करते हैं कि वह बिना देरी किए जांच की जिम्मेदारी सीबीआइ को सौंप दें क्योंकि सबूत नष्ट करने के लिए एक रास्ता बनाने की पूरी संभावना है।

सरकार एसआइटी को दें जांच का आदेश: कांग्रेस नेता सुदर्शन दास

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुदर्शन दास ने भी मामले को अपराध शाखा को सौंपने के ओडिशा सरकार के कदम पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा है कि राज्य के लोग अब पूछ रहे हैं कि ओडिशा के डीजीपी और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस संवेदनशील मुद्दे पर चुप्पी क्यों साध रखी है। क्राइम ब्रांच पहले भी कई मामलों के पीछे के रहस्य से पर्दा उठाने में नाकाम रही है। इस बार भी सच्चाई को दबाने का प्रयास और साजिश है। दास ने मांग की है कि राज्य सरकार को विशेष जांच दल (एसआईटी) का आदेश देना चाहिए और उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की निगरानी में जांच करनी चाहिए।

विपक्ष करें जांच के नतीजे का इंतजार: बीजद नेता

विपक्षी दलों के आक्रामक रूख को देखते हुए बीजद के वरिष्ठ नेता देबी प्रसाद मिश्रा सामने आए और उन्होंने कहा कि आरोप लगाने के बजाय विपक्ष को सलाह देनी चाहिए कि क्या करना चाहिए क्योंकि उन्हें हमेशा पुलिस और अपराध शाखा की जांच में समस्या होती है। मिश्रा ने आगे कहा कि पूरी जांच पारदर्शिता के साथ होगी क्योंकि अपराध शाखा की जांच की न्यायपालिका के तहत निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि विपक्ष को जांच के नतीजे का इंतजार करना चाहिए।

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