लगातार दूसरे दिन होगा MRSAM Missile Test, 10 हजार से अधिक लोगों को पुनः किया स्थानांतरित
ओडिशा के बालेश्वर में आज दूसरे दिन पुनः एमआरएसएएम मिसाइल का परीक्षण (MRSAM Missile test) किया जाएगा। जिसे देखते हुए 4 पंचायत के 8 गांव के लोगों को आज पुनः सुबह-सुबह अस्थाई रूप से स्थानांतरित कर दिया गया है।
बालेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के बालेश्वर जिला अन्तर्गत चांदीपुर प्रतिरक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान के परीक्षण केन्द्र से आज दूसरे दिन पुनः एमआरएसएएम मिसाइल का परीक्षण किया जाएगा। ऐसे में डीआरडीओ के परीक्षण केन्द्र से ढाई किमी. की दूरी में रहने वाले 4 पंचायत के 8 गांव के लोगों को आज पुनः सुबह-सुबह अस्थाई रूप से स्थानांतरित कर दिया गया है। इन चार पंचातय के 6 गांव से करीबन 10 हजार लोगों को को स्थानांतरित किया गया है।
जानकारी के मुताबिक आज सुबह-सुबह ही प्रशासनिक अधिकारी उक्त पंचायत एवं ग्रामीण क्षेत्र में पहुंच गए और स्थानान्तरण की प्रक्रिया शुरू कर दी। जिला प्रशासन की ओर से इन्हें चार बाढ़ आश्रय स्थल में में लाकर रखा गया है। सूत्रों की माने तो आज रक्षा विभाग द्वारा आइटीआर और डीआरडीओ द्वारा एम आर एस ए एम मिसाइल का आज पुनः परीक्षण होने की संभावना है, जिसे देखते हुए रेमुणा और सदर तहसीलदार मौके पर पहुंचे। इन दोनों इलाकों, के आने वाले टुंड्रा, जयदेव कस्बा पाई खुद, पाई इलाके के 787 परिवार के लगभग 10,000 से लोगों को अस्थाई शिविरों में लाकर रखा गया है।
जब तक मिसाइल का परीक्षण नहीं हो जाएगा, यह लोग इसी आश्रय स्थल में रहेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक वयस्कों को 300 रुपए, बच्चों को 150 रुपए, गौ खाद्य के लिए 100 रुपए, ताला के लिए 40 रुपए, आमोद प्रमोद के लिए ववस्कों के लिए 15 रुपए, बच्चों के लिए 10 रुपए तथा भोजन के लिए प्रति व्यक्ति 75 रुपए मुआवजा के तौर पर दिया जाएगा। सूत्रों की माने तो आज एलसी एक से सबसे पहले बंसी नामक मिसाइल को हवा में उड़ाया जाएगा, जिसे हवा में ही सतह से हवा में प्रहार करने वाली मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल एम आर एस ए एम लक्ष्य करके हवा में ही मार गिरायेगी।
यहां उल्लेखनीय है कि आए दिन बालेश्वर में चांदीपुर परीक्षण केन्द्र से विभिन्न मिसाइलों का परीक्षण किया जाता है। जब किसी बड़ी मिसाइल का परीक्षण होता है तो परीक्षण रेंज के दो से ढाई किमी. के दाहरे में रहने वाले लोगों को स्थानान्तरित किया जाता है और उन्हें रहने खाने की व्यवस्था प्रशासन की तरफ से की जाती है। हालांकि मिसाइल परीक्षण के कारण बार-बार यहां बसने वाले हजारों की संख्या में लोगों को स्थानान्तरित करना पड़ता है और इसके लिए सरकार को भारी भरकम रकम भी खर्च करनी पड़ती है, यहां बसने वाले लोगों में नाराजगी भी देखी जाती है।
मिली जानकारी के मुताबिक यहां पर बसने वाले अधिकांश लोग बांग्लादेशी हैं, जो समुद्र में मछली पकड़ते हैं और परीक्षण के बाद गोले बारूद से निकलने वाले विभिन्न धातु को बेचकर मोटी कमाई करते हैं। सरकारी जमीन पर कई सालों से गैरकानूनी तरीके से बसने वाले ये बांग्लादेशी यहां के मतदाता भी बन चुके हैं, ऐसे में सरकार अपने वोट बैंक के लिए इन्हें हटाने से बचती रहती है और जब भी किसी बड़ी मिसाइल का परीक्षण होता है तो इन्हें अच्छा खासा मुआवजा देकर इन्हें स्थानांतरित करती है।