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बालेश्वर के चांदीपुर में होगा मिसाइल परीक्षण, 10,000 से ज्यादा लोगों को अस्थाई शिविरों में भेजा गया

Missile Test at Chandipur in Baleshwar बालेश्वर के चांदीपुर में डीआरडीओ द्वारा एम आर एस ए एम मिसाइल का परीक्षण होने की संभावना को देखते हुए 8 गांव से 787 परिवार के करीब 10000 लोगों को अस्थाई शिविरों में लाकर रखा गया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 11:45 AM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 03:11 PM (IST)
बालेश्वर के चांदीपुर में होगा मिसाइल परीक्षण, 10,000 से ज्यादा लोगों को अस्थाई शिविरों में भेजा गया
मिसाइल परीक्षण के लिए जयदेव कस्बा में स्थानांतरित किए गए स्थानीय लोग।

बालेश्वर, लावा पांडे। चांदीपुर के परीक्षण केंद्र के निकट स्थित चार पंचायतों के 8 गांव से करीब 10000 लोगों को बुधवार सुबह 5 बजे से ही जिला प्रशासन की ओर से अस्थाई शिविरों में लाकर रखा गया है। सूत्रों की माने तो आज रक्षा विभाग द्वारा आइटीआर और डीआरडीओ द्वारा एम आर एस ए एम मिसाइल का परीक्षण होने की संभावना है, जिसे देखते हुए रेमुणा और सदर तहसीलदार मौके पर पहुंचे। 

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 इन दोनों इलाकों, के आने वाले टुंड्रा, जयदेव कस्बा पाईखुद, पाई इलाके के 787 परिवार के लगभग 10,000 से लोगों को अस्थाई शिविरों में लाकर रखा गया है। जब तक मिसाइल का परीक्षण नहीं हो जाएगा, यह लोग इन्हीं शिविरों में रहेंगे। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रत्येक वयस्क को 300 रुपए, बच्चों को 150 रुपए, गौ खाद्य के लिए 100 रुपए, ताले के लिए 40 रुपए, आमोद प्रमोद के लिए वयस्कों को 15 रुपए, बच्चों के लिए 10 रुपए तथा भोजन के लिए प्रति व्यक्ति 75 रुपए मुआवजा के तौर पर दिया जाएगा।

 सूत्रों की माने तो आज एलसी एक से सबसे पहले बंसी नामक मिसाइल को हवा में उड़ाया जाएगा, जिसे हवा में ही सतह से हवा में प्रहार करने वाले मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल एम आर एस ए एम लक्ष्य करके हवा में ही मार गिरायेगा।

यहां उल्लेखनीय है कि आए दिन बालेश्वर में चांदीपुर परीक्षण केन्द्र से विभिन्न मिसाइलों का परीक्षण किया जाता है। जब किसी बड़ी मिसाइल का परीक्षण होता है तो परीक्षण रेंज के दो से ढाई किमी. के दाहरे में रहने वाले लोगों को स्थानान्तरित किया जाता है और उन्हें रहने खाने की व्यवस्था प्रशासन की तरफ से की जाती है। हालांकि मिसाइल परीक्षण के कारण बार-बार यहां बसने वाले हजारों की संख्या में लोगों को स्थानान्तरित करना पड़ता है और इसके लिए सरकार को भारी-भरकम रकम भी खर्च करनी पड़ती है, यहां बसने वाले लोगों में नाराजगी भी देखी जाती है।

मिली जानकारी के मुताबिक यहां पर बसने वाले अधिकांश लोग बांग्लादेशी हैं, जो समुद्र में मछली पकड़ते हैं और परीक्षण के बाद गोले बारूद से निकलने वाले विभिन्न धातु को बेचकर मोटी कमाई करते हैं। सरकारी जमीन पर कई सालों से गैरकानूनी तरीके से बसने वाले ये बांग्लादेशी यहां के मतदाता भी बन चुके हैं, ऐसे में सरकार अपने वोट बैंक के लिए इन्हें हटाने से बचती रहती है और जब भी किसी बड़ी मिसाइल का परीक्षण होता है तो इन्हें अच्छा खासा मुआवजा देकर इन्हें स्थानांतरित करती है।

गौरतलब है इससे पहले भी सितंबर 2018 में बालेश्वर जिले के चांदीपुर परीक्षण स्थल स्थित लांचिंग कॉम्पलेक्स तीन से जमीन से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल प्रहार का सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया था, उस समय भी जिला प्रशासन ने परीक्षण स्थल से दो किमी के दायरे में आने वाले पांच गांव के लोगों को वहां से हटाकर अस्थायी शिविर में भेजा था। इन गांव में भीमपुर, जयदेव कसबा, शाहजहां नगर और कुशमुली गांव शामिल थे। इन ग्रामीणों को शिविर में ठहराया गया था। शिविर में कुल 4228 ग्रामीणों को रखा गया था। जिनमें 3593 वयस्क, 635 बच्चे शामिल थे। उस समय प्रत्‍येक वयस्‍क को 390 रुपये, बच्‍चे को 235 रुपये और प्रत्‍येक पशु क लिए 100 रुपये की सरकारी सहायता  प्रदान की गई थी। 


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