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Migrant workers: कहीं अव्यवस्था तो कहीं प्रवासियों की मनमानी, सावधानी नहीं बरती तो होंगे गंभीर परिणाम

प्रवासियों का अनुशासनहीन आचरण में ओडिशा सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है प्रवासियों के कारण राज्य में कोरोना संक्रमण की सम्भावना बढ़ गई है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Mon, 04 May 2020 03:04 PM (IST)Updated: Mon, 04 May 2020 03:04 PM (IST)
Migrant workers: कहीं अव्यवस्था तो कहीं प्रवासियों की मनमानी, सावधानी नहीं बरती तो होंगे गंभीर परिणाम
Migrant workers: कहीं अव्यवस्था तो कहीं प्रवासियों की मनमानी, सावधानी नहीं बरती तो होंगे गंभीर परिणाम

भुवनेश्वर, जेएनएन । ओडिशा सरकार की पहले निजामुद्दीन एवं फिर पश्चिम बंगाल से लौटने वाले और अब प्रवासी ओडिआ चिंता बढ़ा रहे हैं। निजामुद्दीन एवं पश्चिंम बंगाल से लौटने वालों से तो ओडिशा सरकार ने काफी हद तक पार कर ली है मगर अब विभिन्न राज्यों से आए प्रवासियों के अनुशासनहीन आचरण ने राज्य सरकार का सिरदर्द बढ़ा दिया है। इसी के साथ गंजाम, जाजपुर एवं भद्रक जैसे जिले में क्वारंटाइन नियम का उल्लंघन करते हुए आश्रय स्थली छोड़ने वाले प्रवासी ओडिआ के कारण राज्य में कोरोना संक्रमण की सम्भावना बढ़ गई है। अन्य राज्य में प्रशासन की उदासीनता हो या फिर परिस्थिति की गम्भीरता को देखते हुए ओडिशा सरकार ने प्रवासी ओडिआ को राज्य में वापस लाने का निर्णय लिया।

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मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप एवं केन्द्र सरकार के सहयोग के बाद अन्य राज्यों में रहने वाले प्रवासी ओडिआ को लाने का रास्ता साफ हुआ। हालांकि राज्य में लौट रहे कुछ प्रवासियों के अनुशासनहीन आचरण ने अन्य प्रवासियों को व्यथित करने के साथ राज्यवासियों को लज्जित कर रही है। 

सरकार एवं प्रशासन की चिंता बढ़ी 

कोरोना से मुकाबला के लिए राज्य सरकार ने 36 विशेष कोविड 19 अस्पताल बनाया है जबकि 6689 ग्राम पंचायत में 8332 अस्थाई चिकित्सा केन्द्र बनाकर कुल 2 लाख 56 हजार 820 शय्या की व्यवस्था किया है। तृणमूल स्तर पर क्षमता का सदुपयोग एवं शासन व्यवस्था को सक्रिय करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने सरपंच को जिलाधीश की क्षमता दी है। हालांकि पिछले दो दिनों से क्‍वारंटाइन केन्द्र से जिस प्रकार से अनुशासनहीनता की बात सामने आयी है, वह सरकार की तमाम व्यवस्था की यथार्थता पर सवाल खड़ा कर दिया है। जानकारी के मुताबिक कहीं पर क्‍वारंटाइन सेंटर में मौलिक सुविधा की कमी को लेकर प्रवासी ओडिआ प्रतिवाद कर रहे हैं तो कहीं से  क्‍वारंटाइन सेंटर से छिपकर अपने अपने घर पहुंच गए हैं। इस तरह की स्थिति ने सरकार एवं प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। 

 प्रवासियों की मनमानी से बढ़ सकता है संक्रमण 

अन्य राज्य सरकारों के उपेक्षा के कारण या फिर परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए लाखों की संख्या में प्रवासी ओडिआ अपने घरों को लौटने के लिए परेशान थे। सरकार से निवेदन कर रहे थे। कई तो अपने प्रयास से ही घर लौट रहे थे। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्रवासी ओडिआ को वापस लाने का निर्णय लिए और नियमानुसार उन्हें क्‍वारंटाइन में रखने एवं इसके बाद उन्हें दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की। इसके बावजूद कुछ प्रवासी ओडिआ लोगों के मनमानी रवैये एवं अव्यवस्था के कारण सामूहिक संक्रमण फैलने की सम्भावना बढ़ गई है। 

 241 प्रवासी हुए फरार  

खबर के मुताबिक रविवार को गंजाम जिले के दो ब्लाक में 241 प्रवासी ओडिआ क्‍वारंटाइन सेंटर से छिपकर फरार हो गए हैं। बेगुनियापड़ा एवं रागपुर में बनाए गए क्‍वारंटाइन सेंटर के गेट को तोड़कर प्रवासी अपने घर चले गए हैं। इन दोनों केन्द्रों में 128 प्रवासियों को रखा गया था। यहां पर खाद्य पेय की कमी को दर्शाकर ये लोग अपने घरों में जाने का प्रयास किए। यहां तक कि कुछ प्रवासी ओडिआ श्रमिकों के शराब पीने को लेकर एक ढाबा में उत्पात मचाने की बात सामने आयी है गंजाम ब्लाक सुबलया पंचायत स्थित शतृसोल आदर्श विद्यालय के क्‍वारंटाइन सेंटर में निम्न स्तर का भोजन दिए जाने का आरोप लगाते हुए शताधिक ओड़िआ श्रमिकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। बलांगीर जिला में तमिलनाडु से लौटे 147 नंबर संक्रमित मरीज अपने घर में संगरोध रहने के दौरान गांव में कई बार साथियों के साथ क्रिकेट खेला था और सैलून में बाल भी कटवाया था।

 क्‍वारंटाइन का उल्‍लंघन 

वहीं  दूसरी तरफ क्‍वारंटाइन सेंटर से फरार 50 से अधिक प्रवासी ओडिआ को भद्रक शहर में पुलिस ने रोककर भंडारीपोखरी स्थित  क्‍वारंटाइन सेंटर में रखा है। जाजपुर जिले में भी संगरोध नियम उल्लंघन का मामला सामने आया है। गौरतलब है कि अब तक करीबन 11 लाख प्रवासी ओडिआ सरकार के पास वापस आने के लिए पंजीकरण किए हैं। इसमें से मात्र 2 से 3 प्रतिशत ही लौटे हैं, जो सरकार के लिए सिरदर्द बन गए हैं। 

वहीं  दूसरी तरफ जिस सोच के साथ सरकार ने सरपंचों को जिलाधीश की क्षमता दी वह व्यवस्था सही ढंग से कार्यकारी नहीं हो पा रही है। कुछ जगहों पर लोग जबरन अपने घर पहुंच रहे हैं। वोट लेने वाले सरपंच इन पर किस प्रकार से और कितनी सख्ती बरत पाएंगे, वह चिंता का कारण है। क्‍वारंटाइन सेंटर में पुलिस तैनात करने की जरूरत दिखाई देने लगी है। 

यहां उल्लेखनीय है कि क्‍वारंटाइन सेंटर में प्रवासियों के भाग जाने की खबर सामने आने के बाद मुख्य सचिव ने उनके लिए सख्त निर्देश जारी किया है। मुख्य सचिव ने कहा है कि क्‍वारंटाइन सेंटर नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सरकार का प्रोत्साहन भत्ता भी नहं मिलेगा। हालांकि इसका कितना असर प्रवासियों पर होता है यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा।

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