बीजद सरकार के प्रति लोगों में बहुत गुस्सा है : धर्मेंद्र प्रधान
राज्यभर में बीजू जनता दल (बीजद) सरकार के प्रति लोगों में असंतोष की आग जल रही है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। राज्यभर में बीजू जनता दल (बीजद) सरकार के प्रति लोगों में असंतोष की आग जल रही है। राज्य में महिलाएं असुरक्षित हैं एवं उनका अपमान हो रहा है। यह बात केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने राजधानी भुवनेश्वर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही है। प्रधान ने बताया है कि पिछले कुछ दिन के अंदर राज्य में घटी घटनाओं ने राज्य के जनमानस को झकझोर कर रख दिया है।
राज्य सरकार के खिलाफ लोगों के मन में आग लगी हुई है। जन आंदोलन तेज हो रहा है। पिछले कुछ दिनों से मैं ओडिशा में घूम रहा हूं, विभिन्न जगहों पर लोगों से बात की, इससे मैं इस बात का अनुभव कर रहा हूं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परसेंटेज ना देने पर खुर्दा के लक्ष्मीधर बेहरा को आत्महत्या करना पड़ा। राज्य में सरकारी आवासीय विद्यालय की बच्चियों के गर्भवती होने तथा संतान प्रसव जैसी घटनाओं ने राज्यवासियों के मन में भूचाल ला दिया है। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के घर से मात्र 50 किलोमीटर की दूरी पर बीए पास किसान लक्ष्मीधर को खुदकशी करनी पड़ी है। आत्महत्या करने से कुछ दिन पहले लक्ष्मीधर ने एक वीडियो वायरल किया था।
इस वीडियो में उन्होंने कहा है कि सरकार की योजना में पक्का घर दिलाने के लिए ब्लॉक अधिकारी 15 से 20 हजार रुपये की घूस मांग रहे थे। नवीन सरकार, बीजद, स्थानीय सरपंच से इस संदर्भ में संपर्क किया मगर मेरी एक भी बात किसी ने नहीं सुनी। इस वीडियो को खुद उन्होंने ही वायरल किया था। प्रधान ने कहा कि यहां सवाल यह उठता है कि क्या ओडिशा में सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए गरीब लोगों को अपने परिवार के मुखिया की मृत्यु का इंतजार करना पड़ेगा। पिपिली पीड़िता को न्याय नहीं मिला। प्रदीप महारथी उसी मामले में दो-दो बार मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। 2014 में उन्हें टिकट दिया गया और फिर सम्मान से मंत्री भी बनाया गया।
इससे स्पष्ट होता है कि नवीन बाबू का महिलाओं के प्रति कितना सम्मान है। जन आक्रोश के चलते 2019 में एक बार फिर इसी पिपिली मामले में महारथी को इस्तीफा देना पड़ा है। प्रधान ने कहा कि राज्य में पिछले कुछ सालों से महिला एवं विशेष कर कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटना तेजी से बढ़ी है। सरकारी आवासीय आदिवासी आश्रम विद्यालयों में लड़कियों के गर्भवती होने एवं प्रसव करने की घटना ने राज्यवासियों को लज्जित एवं अपमानित किया है। यह महिलाओं के प्रति कैसा सम्मान है। राज्य की बीजद सरकार महिलाओं के प्रति इस तरह से कैसे संवेदनहीन हो गई, समझ में नहीं आ रहा है
स्नेह, प्रेम और संस्कृति का नाम है मयूर भंज
मयूरभंज जिला हर क्षेत्र में प्रेरणा देने वाला है, मयूरभंज की कोई भी सामग्री को ना पसंद नहीं किया जा सकता है। आत्मीयता, स्नेह, प्रेम एवं संस्कृति का नाम मयूरभंज है। यह बात भुवनेश्वर में आयोजित मयूरभंज उत्सव में शनिवार शाम को केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही है। प्रधान ने कहा कि आज भौतिक युग में सभ्यता, संपन्नता शिखर पर पहुंच रही है। बावजूद इसके समाज में मानवता धीरे-धीरे कम हो रही है ऐसे में भी मयूरभंज जिले में मानवता जीवित है। मयूरभंज को कभी भूला नहीं जा सकता है। लड्डू, तारिसा पीठा, खाकरा, मूरी आदि में मयूरभंज की आत्मीयता छुपी हुई है। यदि गुजरात का खाकरा अमेरिका जा सकता है तो फिर मयूरभंज की मूरी पै¨कग कर यूरोप बिक्री के लिए क्यों नहीं जा सकती, केंद्रीय मंत्री प्रधान ने यह सवाल करते हुए ओडिशा सरकार पर तंज कसा।