अब गणित का प्रश्नपत्र वायरल
प्रदेश का शासन और प्रशासन लाख कोशिशों के बावजूद मैट्रिक परीक्षा प्रश्न
जेएनएन, भुवनेश्वर : प्रदेश का शासन और प्रशासन लाख कोशिशों के बावजूद मैट्रिक परीक्षा प्रश्नपत्र को वायरल होने से नहीं रोक पा रहे हैं। यह तीसरी बार है जब शनिवार को गणित का प्रश्नपत्र वायरल हो गया। इससे पहले मातृभाषा और अंग्रेजी का प्रश्नपत्र वायरल हो चुका है।
ऐसा भी नहीं है कि सरकार और बोर्ड ने कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध नहीं किए है। परीक्षा केंद्रों में मोबाइल ले जाने पर सख्त पाबंदी लगा रखी है। इसके बावजूद प्रश्नपत्र वायरल होने की घटना को रोका नहीं जा पा रहा है। शनिवार को गणित प्रश्नपत्र परीक्षा के दौरान वायरल हो जाने से परीक्षार्थी एवं अभिभावकों ने सख्त नाराजगी है।
खबर के मुताबिक गणित विषय का सब्जेक्टिव प्रश्नपत्र कालाहांडी जिला के रंगापाली परमानंद हाईस्कूल से वायरल हुआ है। इस बीच माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने भी गणित का प्रश्नपत्र वायरल होने की घटना को स्वीकार किया है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष जाहान आरा बेगम ने कटक में पत्रकारों को इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि आज करीब 11:20 से 11:25 बजे के बजे प्रश्नपत्र वायरल होने के बारे में खबर मिली है। इस मामले की छानबीन शुरू करने से पता चला है कि गणित का सब्जेक्टिव प्रश्नपत्र कालहांडी के रंगापाली परमानंद हाईस्कूल से वायरल हुआ है। इस संदर्भ में तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी से बातचीत की गई और कार्रवाई के लिए निर्देश दिया गया। ब्लाक एजूकेशन अधिकारी को भेजकर जिला शिक्षा अधिकारी ने घटना की छानबीन कर बोर्ड को जानकारी दी। इसके बाद बोर्ड की तरफ से स्थानीय थाना में एक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया। इस मामले में दोषी पाए जाने वाले सेंटर के सुपरिटेंडेंट, इनविजिलेटर एवं रिलीवर को निलंबित कर दिया गया है। हालांकि प्रश्नपत्र को इस तरह से वायरल करना गंदी मानसिकता का परिणाम है। इस तरह की मानसिकता में बदलाव के बाद ही रोका जा सकता है। बोर्ड की तरफ से प्रश्नपत्र वायरल न हो इसके लिए तमाम कदम उठाए गए हैं।
पहले मातृभाषा ओडिया एवं अंग्रेजी का प्रश्नपत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। मातृभाषा प्रश्नपत्र वायरल होने की घटना के बाद बोर्ड ने प्रश्नपत्र लीक न हो सके इसके लिए सख्त कदम उठाने की घोषणा की थी। उस समय इस मामले में चार सुपरिटेडेंट के साथ कुल सात लोगों निलंबित किया गया था। पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया था। इसके बावजूद प्रश्नपत्र वायरल घटना पर लगाम नहीं लग पाई और आज फिर गणित का प्रश्नपत्र वायरल हो गया है।