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वंदेमातरम के जयकारे से गुंजयमान हुर्इ राजधानी, मेजर जनरल सूबेदार ने सुनायी कारगिल की विजय गाथा

भुवनेश्वर में सामूहिक वंदे मातरम गान समारोह का आयोजन किया गया, जहां भारत माता की जयकारे एवं वंदेमातरम गान से पूरी राजधानी गुंजायमान हो गई।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 12 Dec 2018 02:41 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 02:41 PM (IST)
वंदेमातरम के जयकारे से गुंजयमान हुर्इ राजधानी, मेजर जनरल सूबेदार ने सुनायी कारगिल की विजय गाथा
वंदेमातरम के जयकारे से गुंजयमान हुर्इ राजधानी, मेजर जनरल सूबेदार ने सुनायी कारगिल की विजय गाथा

भुवनेश्वर, जेएनएन। इनेसिएटिव फार मोरल एण्ड कल्चरल ट्रेनिंग (आईएमसीटी) फाउण्डेशन की तरफ से बुधवार को राजधानी भुवनेश्वर स्थित ओयूएटी मैदान में आयोजित सामूहिक वंदे मातरम गान समारोह में लगभग 50 हजार बच्चों ने परमवीर चक्र सम्मन से सम्मानित कारगिल युद्ध विजय में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले मेजर जनरल सूबेदार सिंह यादव के साथ गान किया। भारत माता के जय कारे एवं वंदेमातरम गान से पूरी राजधानी गुंजायमान हो उठी। 

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इस अवसर पर बच्चों को सम्बोधित करते हुए सूबेदार सिंह यादव ने बच्चों से सीधी बात की और 1999 में हुए कारगिल युद्ध की विजय गाथा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री यादव से कारगिल युद्ध की गाथा सुन रहे लगभग 50 हजार बच्चे, अध्यापक, उपस्थित अतिथि एवं मीडिया तथा वहां उपस्थित लोगों के आंखों से आंसू छलक पड़े और बच्चों के साथ लोगों ने भारत माता के जयकारे लगाते हुए देश के इस सच्चे सपूत वीर जवान के प्रति आभार प्रकट किया। मेजर जनरल ने बताया कि किस प्रकार से उनकी टीम ने कारगिल की चोटी पर भारतीय तिरंगा फहराया और परिस्थिति विपरीत होने के बावजूद अपनी सरहद की सुरक्षा के लिए एक दो नहीं कई गोलियां लगने के बावजूद सरहद पर डटे रहे और दुश्मन पाकिस्तान की फौज को खदेड़ दिया।

मेजर जनरल ने कहा कि व्यक्ति की पहचान उसके ओहदे से नहीं बल्कि उसके कर्म से होती है। इसके लिए उन्होंने अपना ही उदाहरण दिया और बच्चों से इमानदारी से अपना कर्म करने, देश के प्रति वफादार रहने तथा माता-पिता व गुरुजनों की सेवा व सम्मान करने को प्रेरित किया। मेजर जनरल ने कहा कि भारतीय सेना के जवान अपने खून के एक-एक कतरे को देश के लिए कुर्बान करने के लिए सदैव तैयार रहता है।

कर्मवीर को कोई नहीं रोक सकता है, ऐसे में बच्चों कर्म करो। भारत माता की सुरक्षा, स्वच्छता को बनाए रखना हम सबका कर्तव्य होना चाहिए। परमवीर चक्र विजेता ने कहा कि देश के बच्चे यदि अपने माता-पिता व गुरुजनों की सेवा करते हैं, सम्मान करते हैं तो सरहद पर खड़े हम जवानों को ताकत मिलती है। 

 

इस अवसर पर आईएमसीटी के कार्यकारी अध्यक्ष डा. मुरली मनोहर शर्मा ने कहा कि मेजर जनरल को उस समय युद्ध में एक दो नहीं बल्कि 17 गोली लगी थी फिर भी देश की अखण्डता के लिए सरहद पर डटे रहे, ऐसे वीर जवान को हम सब मिलकर सम्मान करते हैं। डा. शर्मा ने कहा कि जब ऐसे वीर जवान देश की सरहद की रखवाली कर रहे हैं तो फिर किसी भी देश की हिम्मत नहीं है कि हमारी तरफ आंखे तरेर सके। मगर हमें अपने देश के अन्दर बैठे गद्दारों को पहचानना होगा।

भारत के अन्दर रहकर देश के टुकड़े होने का नारा लगाने वालों के प्रति धिक्कार है। यही कारण है कि आईएमसीटी की तरफ से हर साल बच्चों के मन में देश प्रेम एवं देश भक्ति का भाव जाग्रत करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस अवसर पर डा. विमलेंदु महांती, देव प्रसाद मिश्र ने भी अपने अपने विचार रखे।


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