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मेक इन ओडिशा की रॉक स्टार बनी सुंदरगढ़ की जयंती

मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव में बुधवार को महिला एवं शिशु विकास विभाग की ओर से आयोजित महिला उद्यमी कार्यशाला में पश्चिम ओडिशा की जयंती एक्का ने अपने संबोधन से हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 05:46 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 05:46 PM (IST)
मेक इन ओडिशा की रॉक स्टार बनी सुंदरगढ़ की जयंती
मेक इन ओडिशा की रॉक स्टार बनी सुंदरगढ़ की जयंती

जासं, भुवनेश्वर : मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव में बुधवार को महिला एवं शिशु विकास विभाग की ओर से आयोजित महिला उद्यमी कार्यशाला में पश्चिम ओडिशा की जयंती एक्का ने अपने संबोधन से हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। निवेशक सम्मेलन मंच से जयंती की सफलता की कहानी सुनने के बाद खुद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपनी सीट से खड़े होकर ताली बजाते देखे गए। मंगलवार को जहां ओडिशा में जन्में फैशन डिजाइनर विभू महापात्र के फैशन शो ने उद्यमियों का दिल जीता तो वहीं बुधवार को जयंती एक्का की कहानी ने मुख्यमंत्री तक को अपनी कुर्सी से खड़े होकर ताली बजाने को मजबूर कर दिया। केवल मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि कार्यक्रम में शामिल बड़े-बड़े निवेशक, अतिथि, प्रशासनिक अधिकारी, स्वयं सहायता समूह के प्रतिनिधियों ने भी खड़े होकर जयंती को सम्मान प्रकट किया।

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सुंदरगढ़ जिला की आदिवासी महिला जयंती एक्का कल्याण महिला स्वयं सहायक गोष्ठी की अध्यक्ष हैं। मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव में भाग लेकर मिशन शक्ति उनके जीवन में किस प्रकार से बदलाव लाया, इस संदर्भ में उन्होंने विस्तार से जानकारी दी। हालांकि जयंती जिस तरह से मजाकिया ढंग से अपने विचार रख रही थीं, उसे देखकर मुख्यमंत्री अपनी हंसी नहीं रोक पा रहे थे। करीब 20 मिनट तक जयंती का संबोधन मुख्यमंत्री के साथ वहां उपस्थित सभी ने बड़े ही ध्यान से सुना।

जयंती ने कहा कि मेरे खाते में 6 से 7 लाख रुपये आज जमा हो गए है। हमने अपने जीवन में इतने रुपये कभी नहीं देखे थे। किसानों के रुपये लेने के लिए जब मैं बैंक गई तो वहां हमें एक बोरे में रुपये पकड़ा दिए गए। इन रुपयों को हम कैसे रखेंगे। हमारा घर तो मिट्टी का है। इतने रुपये पास होने से जीवन को भी खतरा रहता है। रात में यदि कोई लूट लिया तो फिर किसानों को उनका पैसा कैसे लौटाऊंगी, ¨चता होने लगी। फिर दिमाग में एक विचार आया और अपने घर के पास मौजूद एक आम के पेड़ में पैसे से भरे बोरे को उसी पर टांग दिया और फिर आराम से सो गई। सुबह उठी तो रुपये सुरक्षित थे। जयंती की यह बात सुनकर कार्यक्रम में उपस्थित उद्योगपति, अतिथि, राज्य के विभिन्न जगहों से आए स्वयं सहायता समूह के सदस्य सहित मुख्यमंत्री भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए और सब हंसने लगे। इसके साथ जयंती ने मिशन शक्ति योजना में शामिल होने के बाद के अपने अनुभव को भी सबके सामने रखा। कार्यक्रम खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री ने जयंती को अपने पास बुलाकर उनके बारे में विस्तार से जानने के साथ उनसे हाथ मिलाकर प्रोत्साहित किया।


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