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मेक इन ओडिशा के लिए मंच तैयार

मेक इन ओडिशा सम्मेलन के लिए राज्य सरकार ने पूरी तरह से मंच तैय

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 11:26 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 11:26 PM (IST)
मेक इन ओडिशा के लिए मंच तैयार
मेक इन ओडिशा के लिए मंच तैयार

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : मेक इन ओडिशा सम्मेलन के लिए राज्य सरकार ने पूरी तरह से मंच तैयार कर लिया है। 11 नवंबर से शुरू होने वाले पांच दिवसीय मेक इन ओडिशा 2018 कॉन्क्लेव में देश-विदेश के निवेशकों के लिए जबरदस्त प्लेटफार्म होगा। इसकी तैयारियां करीब-करीब पूरी हो चुकी हैं।

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ओडिशा सरकार द्वारा आयोजित पांच दिवसीय मेगा कॉन्क्लेव में देश-विदेश से 800 बड़े निवेशक भाग लेने आएंगे। इनके अलावा 150 विशेषज्ञ वक्ता आमंत्रित किए गए हैं। इसमें बैंकर्स, उद्योगपति और ट्रेड एक्सपर्ट मिलकर भविष्य के ओडिशा के विकास का खाका तैयार करेंगे। इसमें रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी, वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, आदित्य बिरला ग्रुप चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, स्टेट बैंक, बंधन बैंक के चेयरमैन प्रमुख वक्ताओं में होंगे। बिजनेस लीडरशिप सत्र की अध्यक्षता मुकेश अंबानी करेंगे। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक कॉन्क्लेव की पृष्ठभूमि तैयार करने को जी जान से जुटे रहे। इसमें शिरकत करने वाले देशों के राजदूतों, प्रतिनिधि मंडल से वह मिल चुके हैं। उन्हें भुवनेश्वर आने का न्योता दिया।

इसके अलावा जापान, फ्रांस, रूस इटली, जर्मनी, साउथ कोरिया से निवेशक आएंगे। कॉन्क्लेव में जापान प्रमुख सहयोगी है। 12 नवंबर का पूरा सत्र जापान की कंपनियों को समर्पित होगा। इन देशों में राज्य सरकार ने रोड शो भी किया है। ओडिशा को पूर्वी भारत का अग्रदूत के रूप में माना जा रहा है। निकट भविष्य में दो अंकों की वृद्धि दर के आंकड़े को छूकर एक इतिहास रचने की ओर यह राज्य आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार का दावा है कि सरकार की नीतियां उद्योगों के अनुकूल हैं और शासन में पारदशिर्ता भी है। सरकार का दावा है कि उद्योगों के अनुकूल ऐसा वातावरण किसी अन्य राज्य में नहीं मिलेगा।

प्रमुख उद्योग सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा है कि राज्य सरकार का ध्यान उद्योगों की स्थापना के लिए आधारभूत ढांचा मुहैया कराना तथा उद्योगों को स्थापित और संचालित करने के लिए एक अनुकूल और प्रतिस्पर्धी आíथक तंत्र खड़ा करना है। उनका कहना है कि राज्य के औद्योगिक विकास के लिए जिन 6 फोकस क्षेत्रों की पहचान की है, शासन का लक्ष्य उन क्षेत्रों में कम से कम 2.5 लाख करोड़ के निवेश को आकर्षित करना है। इससे 2025 तक राज्य में 30 लाख नई नौकरियों के अवसर मिल सकते हैं।


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