मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव पर विपक्ष हमलावर
मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव को लेकर सियायत तेज, बीजद बता रही है विकास का माध्यम तो विपक्ष कर रहा है तीखी आलोचना।
भुवनेश्वर, जेएनएन। राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित हो रहे मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव को लेकर सियायत तेज हो गई है। शासक बीजू जनता दल (बीजद) जहां इसे विकास का माध्यम बता रहा है वहीं विपक्षी इसकी तीखी आलोचना कर रहे हैं। बीजद का आरोप है कि भाजपा-कांग्रेस सहित विपक्षी दल राजनैतिक द्वेष के कारण मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव का विरोध कर रहे हैं। मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव में देश के अग्रणी उद्योग घरानों से लेकर कई निवेशक आ रहे हैं।
सरकार को भरोसा है कि इससे राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिल पाएगी और प्रदेश प्रगति की राह पर तेजी से आगे बढेगा। इस 5 दिवसीय समारोह को सफल बनाने के लिए सरकार ने हर संभव प्रयास किया है। वहीं, प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव को बीजद के लिए उद्योगपतियों से चंदा उगाहने का माध्यम बताया है। जबकि भाजपा इसे झूठ के प्रचार का माध्यम बता रही है। भाजपा नेता भृगु बक्शीपात्र ने कहा कि सरकार केवल लोगों को गुमराह करने के लिए मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव जैसा आयोजन कर रही है। वास्तव में उद्योग स्थापना के लिए कोई प्रयत्न नहीं किया जा रहा है। केवल प्रचार के लिए कंपनियों से करार कर लिया जाता है और वास्तविक तौर पर कुछ काम नहीं हो रहा है। भाजपा नेता ने इसके पक्ष में कई दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि जब पिछले 3 साल से प्रदेश में उत्पादन नहीं बढ़ रहा है तो किस प्रकार से औद्योगिक विकास हो रहा है। सन 2018 में 93 एमओयू हस्ताक्षरित हुए थे जबकि मात्र 9 में उत्पादन हो पाया है।
स्टेट इंवेस्टमेंट इंडेक्स में ओडिशा का स्थान 17 वां है। ऐसे में राज्य सरकार किस आधार पर प्रगति का दावा कर रही है यह बात समझ से परे है। भाजपा की तरह कांग्रेस ने भी राज्य सरकार को मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव को लेकर आडे हाथों लिया है। कांग्रेस के अनुसार पिछले 18 साल की विफलता को छिपाने के लिए बड़े स्तर पर मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया है। सन 2005 से 2017 के बीच सरकार द्वारा अनुमोदित 279 औद्योगिक योजनाओं में से 220 अभी तक कार्यक्षम नहीं हो पायी हैं।