Move to Jagran APP

भक्त एवं भगवान के बीच कोरोना का पहरा: बिना भक्तों की होगी महाप्रभु की चंदन यात्रा

कोरोना संक्रमण के कारण इस साल सामाजिक दूूरी को ध्यान में रखते हुए महाप्रभु की चंदन यात्रा बिना भक्तों के ही अनुष्ठित की जाएगी।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 15 Apr 2020 03:02 PM (IST)Updated: Wed, 15 Apr 2020 03:10 PM (IST)
भक्त एवं भगवान के बीच कोरोना का पहरा: बिना भक्तों की होगी महाप्रभु की चंदन यात्रा
भक्त एवं भगवान के बीच कोरोना का पहरा: बिना भक्तों की होगी महाप्रभु की चंदन यात्रा

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। कोरोना संक्रमण ने पहले ही भक्तों को महाप्रभु से एवं महाप्रभु को भक्तों के बीच दीवार खड़ी कर दी है। वहीं अब महाप्रभु की चंदनयात्रा पर भी इस वायरस ने पहरा लगा दिया है और इस साल बिना भक्तों के ही महाप्रभु की चंदन यात्रा अनुष्ठित की जाएगी। सामाजिक दूूरी को ध्यान में रखते हुए चंदन यात्रा के सभी नियमों का संपादन किए जाने की जानकारी महाप्रभु के वरिष्ठ सेवक विनायक दास महापात्र ने दी है। उन्होंने कहा है कि आगामी 26 तारीख को चंदन यात्रा होगी। इसके लिए सभी प्रकार की तैयारी पूरी कर ली गई है।

loksabha election banner

21 दिवसीय चन्दन यात्रा 

महाप्रभु की इस 21 दिवसीय चन्दन यात्रा के दौरान हर दिन अपराह्न में महाप्रभु की चलंति प्रतिमा मदन मोहन रामकृष्ण, श्रीदेवी और भू-देवी, श्रीक्षेत्र के पंच महादेव के साथ नरेन्द्र सरोवर यात्रा कर जल क्रीड़ा करेंगे। इस चंदन यात्रा के लिए सभी प्रकार की तैयारी अंतिम पर्याय में पहुंच गयी है। चंदन यात्रा के बाद रथयात्रा की तैयारी शुरू होगी। यदि कोरोना वायरस अति भयंकर रूप धारण नहीं करता है तो फिर बिना भक्तों के महाप्रभु की रथयात्रा भी निकाली जाएगी। उन्होंने कहा है कि भक्त घर में बैठकर टीवी के जरिए महाप्रभु की रथयात्रा को देख पाएंगे। रथयात्रा कभी भी बंद नहीं होगी।

विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा

महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा इस साल 23 जून है और इस दिन महाप्रभु खुद पतितपावनों को दर्शन देने के लिए श्रीमंदिर से निकलकर बाहर आते हैं। बड़दांड में भक्त और भगवान एकाकार हो जाते हैं, मगर कोरोना संक्रमण को देखते हुए महाप्रभु की रथयात्रा में इस साल वह दृश्य शायद ही देखने को मिले। इस बार रथयात्रा में शामिल होने के लिए पर्यटक, भक्तों को अनुमित मिलेगी या नहीं उसे लेकर द्वंद की स्थिति बनी हुई है।

यहां उल्लेखनीय है कि महाप्रभु की 9 दिवसीय रथयात्रा में हर दिन आड़प मंडप में दर्शन के लिए 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता है। रथायात्रा एवं बाहुड़ा यात्रा में तो 15 लाख भक्तों का समागम होता है। श्रीगुंडिचा यात्रा से नीलाद्री बिजे के बीच 50 लाख से अधिक भक्तों का समागम श्रीक्षेत्र धाम में होता है, मगर इस साल कोरोना संक्रमण महाप्रभु एवं भक्तों के बीच अदृश्य दीवार बनकर खड़ा हो गया है।

Weather Forecast Monsoon 2020: इस राज्‍य में देरी से पहुंचेगा मानसून, जानिये कैसे रहेगी बारिश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.