मेड इन ओडिशा हुई महंगी और विदेशी शराब सस्ती
नई नीति के मुताबिक प्रदेश में बनने वाली शराब पर टैक्स बढ़ा दिया गया है, जिससे प्रदेश में बनने वाली शराब महंगी हो जाएगी।
भुवनेश्वर, जेएनएन। राज्य सरकार ने वर्ष 2018-19 आर्थिक साल के लिए आबकारी नीति में संशोधन किया है। इसके अनुसार अब नई शराब दुकान खोलने का लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। साथ ही पुरानी शराब दुकानों के लाइसेंस शुल्क में 10 फीसद तक बढ़ोतरी की गई है। नई नीति के मुताबिक प्रदेश में बनने वाली शराब पर टैक्स बढ़ा दिया गया है, जिससे प्रदेश में बनने वाली शराब महंगी हो जाएगी।
वहीं विदेशी शराब पर शुल्क कम कर दिया गया है, इससे विदेशी शराब की कीमत कम हो जाएगी। इस नीति के तहत देश के बाहर से आने वाली अंग्रेजी शराब की 750 मिली लीटर वाली बोतल पर शुल्क कम होने से यह 20 रुपये सस्ती हो जाएगी, जबकि देश में बनने वाली अंग्रेजी शराब पर शुल्क बढ़ाने से 180 मिली लीटर वाली बोतल पांच रुपये महंगी हो जाएगी। नीति के अनुसार एक अप्रैल 2018 से प्रदेश में नई शराब की दुकान नहीं खोली जाएगी। मौजूदा शराब दुकानों के लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी का एलान तो किया गया है। इन सबके बीच इस नीति में बाजार में सरेआम चोरी छिपे बेची जा रही शराब की रोकथाम की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
नई आबकारी नीति के मुताबिक अब लाइसेंस लेने के लिए चार महीने की फीस अग्रिम रूप से जमा करनी होगी। बार एवं बाटलिंग कंपनी साल में एक ही बार अपना शुल्क जमा करेंगी। 100 रुपया लाइसेंस शुल्क जमा करने वाला शराब व्यापारी 10 बल्क (थोक) लीटर शराब उठा सकता है। इससे पहले यह मात्रा 16 बल्क लीटर थी। देश में तैयार विदेशी शराब के क्षेत्र में यह परिमाण 14 बल्क लीटर से कम कर सात बल्क लीटर कर दिया गया है।