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Odisha News: 2 साल से निर्माणाधीन पड़ा है पुल, ग्रामीणों का जीवन दुश्वार; एंबुलेंस के लिए भी नहीं है रास्ता

विकास बिना रुके कोरापुट जिले के बंधुगांव ब्लॉक के दिमितिगुड़ा गांव से कोसों दूर निकल चुका है। जहां एक निर्माणाधीन पुल ने ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ा दी है। इस कारण ग्रामीणों की काफी परेशानी बढ़ गई है।

By Jagran NewsEdited By: Yashodhan SharmaPublished: Sun, 26 Mar 2023 12:30 AM (IST)Updated: Sun, 26 Mar 2023 12:30 AM (IST)
Odisha News: 2 साल से निर्माणाधीन पड़ा है पुल, ग्रामीणों का जीवन दुश्वार; एंबुलेंस के लिए भी नहीं है रास्ता
2 साल से निर्माणाधीन पुल से ग्रामीणों का जीवन दुश्वार

अनुगुल/भुवनेश्वर, संतोष कुमार पांडेय। ऐसा लगता है कि विकास बिना रुके कोरापुट जिले के बंधुगांव ब्लॉक के दिमितिगुड़ा गांव से कोसों दूर निकल चुका है। जहां एक निर्माणाधीन पुल ने ग्रामीणों की परेशानी और बढ़ा दी है।

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दिमिटिगुडा गांव के छोर पर एक नाला बहता है जो बरसात के मौसम में उफान पर होता है, इस दौरान गांव बाकी दुनिया से कट कर अलग थलग हो जाता है। पुल के अभाव में ग्रामीणों को गंभीर रोगी या गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने में कठिनाई होती है क्योंकि सड़क और अधुरे पुल के कारण एबुलेंस उनके गांव तक नहीं पहुंच पाती है।

दो साल पहले शुरू हुआ था पुल का निर्माण

स्थानीय लोगों द्वारा कई विरोधों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकों के बाद, एक पुल को मंजूरी दी गई थी। दो साल पहले पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था जो अभी तक आधा अधूरा पड़ा है।

निर्माण सामग्री के आसान परिवहन के लिए ठेकेदार ने निर्माणाधीन पुल के साथ एक अस्थायी सड़क का निर्माण किया था। ग्रामीण भी इसी रास्ते का इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन तेज बारिश के बहाव में सड़क का एक हिस्सा बह गया।

एंबुलेंस के लिए भी नहीं है रास्ता

एक ग्रामीण ने बताया कि पुल नहीं होने से हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हमारे गांव में एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण गंभीर मरीज या प्रसव पीड़ा वाली महिला को शिफ्ट करने में हमें परेशानी होती है। बरसात के मौसम में हमारा गांव बाकी दुनिया से कट जाता है। लोग अपने जरूरी कार्यों के लिए गांव से बाहर नहीं जा सकते हैं।

कुछ ग्रामीणों ने बताया कि पुल नहीं होने के कारण हमें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं एक शिक्षक धरणीधर स्वाईं ने कहा कि मैं दिमिटिगुड़ा गांव के एक स्कूल में शिक्षक हूं।गांव तक पहुंचने के लिए मैं छह किलोमीटर बाइक से और बाकी दो किलोमीटर पैदल तय करता हूं।

बरसात के मौसम में, समस्या और भी बदतर हो जाती है। पेयजल सुविधा जहां पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों की इच्छा सूची में है, वहीं सरकारी योजनाओं व आवास योजना सहित अन्य योजनाओं के लाभ ने भी उनसे मुंह फेर लिया है।

संपर्क करने पर बंधूगांव के जेईआरडी बेहरा ने कहा कि हम एक महीने के भीतर निर्माण कार्य पूरा कर लेंगे। समाचार लिखे जाने तक ग्रामीणों के आरोपों पर प्रतिक्रिया के लिए बंधुगांव प्रखंड विकास पदाधिकारी से संपर्क नहीं हो पाया था।


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