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    जगन्नाथ मंदिर के खजाने की गिनती: कांग्रेस का ओडिशा सरकार को अल्टीमेटम

    By SHESH NATH RAIEdited By: Nishant Bharti
    Updated: Wed, 12 Nov 2025 11:57 AM (IST)

    ओडिशा कांग्रेस ने राज्य सरकार को जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की गिनती और मिलान एक महीने में पूरा करने का अल्टीमेटम दिया है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। पार्टी पारदर्शिता सुनिश्चित करने और मंदिर की संपत्ति की सुरक्षा के लिए गिनती की मांग कर रही है।

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    ओडिशा कांग्रेस

    संवाद सहयोगी, पुरी। पुरी जगन्नाथ मंदिर में रत्नों गिनती एवं मिलान प्रक्रिया में हो रही देरी, रथ यात्रा के दौरान हुई भगदड़ घटना में सटीक कार्रवाई ना करने, महाप्रभु की दर्शन व्यवस्था में सुधार ना करने जैसे मुद्दे को लेकर पुरी जिला कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है।

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    इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा है कि यदि सरकार इन मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है तो फिर आगामी दिनों में कांग्रेस सड़क पर उतरेगी और विरोध प्रदर्शन करेगी। 

    मूल्यांकन का कार्य अब तक नहीं हुआ

    इंदिरा भवन स्थित पुरी जिला कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए जिला कांग्रेस अध्यक्ष इंजीनियर राजेश कुमार मिश्र ने कहा कि श्रीजगन्नाथ मंदिर प्रशासन के क्षेत्र में लंबे समय से प्रशासनिक ठहराव देखने को मिल रहा है। पुरी जिले की विभिन्न भूमि समस्याएं, गत रथयात्रा के समय गुंडिचा मंदिर के सामने हुई भगदड़ में मृत्यु रिपोर्ट, भगवान जगन्नाथ के दर्शन प्रबंधन और श्रीमंदिर के रत्न भंडार को लेकर लगातार मीडिया और इंटरनेट मीडिया में चर्चाएं हो रही हैं।

    रत्न भंडार की मरम्मत की जा चुकी है, बावजूद इसके रत्नों और अलंकारों की गिनती, मिलान और मूल्यांकन का कार्य अब तक नहीं हुआ है।कांग्रेस पार्टी की ओर से यह मांग की गई कि सरकार एक महीने के भीतर यह कार्य पूरा करें।

    चुनाव के समय किए गए वादों को कराया याद

    मिश्र ने कहा कि पिछला चुनाव लड़ते समय वर्तमान सत्तारूढ़ दल ने श्रीजगन्नाथ मंदिर के दर्शन प्रबंधन में बड़े सुधार करने का वादा किया था, लेकिन वास्तविकता में केवल चार द्वार खोलने के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन न कर पाने से निराश होकर लौट रहे हैं।

    सुचारु दर्शन व्यवस्था की मांग 

    उन्होंने कहा कि पुरी और आसपास के लोगों का जीवन भगवान जगन्नाथ से जुड़ा है और वे हमेशा प्रशासन का सहयोग करते आए हैं।इसके बावजूद सरकार ने उनकी सुचारु दर्शन व्यवस्था की मांग पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस विषय पर निर्वाचित प्रतिनिधि भी मौन हैं।

    मिश्र ने रथ यात्रा के दौरान प्रशासन की विफलता पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि गुंडिचा मंदिर के सामने भक्तों की जान जाना बेहद दुखद और अस्वीकार्य था और सरकार ने इस घटना को हल्के में लिया। केवल निचले अधिकारियों को निलंबित कर और वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर सरकार ने मामले को रफा-दफा कर दिया।

    सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं 

    उन्होंने कहा कि श्रीमंदिर के मुख्य प्रशासक, जिनकी जिम्मेदारी संपूर्ण व्यवस्था की थी, उनके खिलाफ सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की। कांग्रेस पार्टी इस एकतरफा जांच रिपोर्ट को अस्वीकार करती है और मांग करती है कि जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में यह एक मिसाल बने।

    इसके अलावा, उन्होंने पुरी और पुरी सदर क्षेत्र में भगवान जगन्नाथ के नाम पर दर्ज संपत्तियों के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा कि बहुत से लोग पीढ़ियों से वैध रूप से इन जमीनों पर रह रहे हैं, फिर भी उन्हें स्वामित्व प्रमाणपत्र नहीं मिल रहा।

    जगन्नाथ मंदिर के संपत्ति विवादों को एक महीने में

    उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर कानून मंत्री कहते हैं कि इन जमीनों को सामान्य लोगों के लिए रियायती दर पर बेचा जाएगा, वहीं मंदिर प्रशासन बेंचमार्क दरों पर बिक्री की बात करता है और लोगों को नोटिस भेजकर डराया जा रहा है।

    कांग्रेस की मांग है कि सरकार इस पर तुरंत निर्णय ले और जगन्नाथ मंदिर के संपत्ति विवादों को एक महीने में हल करे, अन्यथा पार्टी जन आंदोलन शुरू करेगी।मिश्र ने यह भी कहा कि वर्तमान मुख्य प्रशासक को, जिन्हें भूमि कानून की पर्याप्त जानकारी नहीं है, तुरंत पद से हटाया जाना चाहिए।

    इस संवाददाता सम्मेलन में वरिष्ठ कांग्रेस नेता उत्तम आचार्य, जय नारायण पात्रनायक, विनायक दास महापात्र, पूर्व एआईसीसी सदस्य सुजीत महापात्र, विधि प्रकोष्ठ अध्यक्ष काली प्रसाद नायक, निरंजन रथ, सरस्वती पात्र, सिताकांत महांती, अमरेंद्र पाईकराय, सुकांत प्रधान, विभुदत्त मिश्र, स्वतंत्र पांडा, अमिय महापात्र, अशुतोष मिश्र, अभिनाश मिश्र, विश्वरंजन सामंतराय, उमाकांत बेहरा, दुर्गा प्रसाद सामंतराय आदि उपस्थित थे।