लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होगा सिर से जुड़े जगा-बलिया का ऑपरेशन
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में सिर से जुड़े जगा-बलिया का विरल ऑपरेशन दर्ज होने जा रहा है भुवनेश्वर एम्स के पूर्व निदेशक अशोक कुमार महापात्र ने इस संदर्भ में जानकारी दी है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। सिर से जुड़े जगा-बलिया का विरल ऑपरेशन लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल होने जा रहा है। 2020 संस्करण में इस रिकॉर्ड को शामिल किए जाने की जानकारी लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड की तरफ से दी गई है। जुड़े हुए सिर को अलग करने के लिए विरल ऑपरेशन के मुख्य तथा दिल्ली एम्स के तत्कालीन न्यूरो सर्जरी विभाग मुख्य प्रोफेसर अशोक कुमार महापात्र एवं अन्यतम मुख्य प्रोफेसर दीपक कुमार गुप्ता के पास लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने इस संदर्भ में एक अभिनंदन पत्र भेजा है।
शिक्षा एवं अनुसंधान विश्वविद्यालय (सोआ) की तरफ से आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में भुवनेश्वर एम्स के पूर्व निदेशक तथा सोआ के हेल्थ सर्विसेज निदेशक प्रोफेसर अशोक कुमार महापात्र ने इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस तरह के ऑपरेशन को दुनिया में पहली बार किए जाने की बात नहीं कहीं जा सकती है, क्योंकि इससे पहले भी जुड़े हुए सिर वाले बच्चों को ऑपरेशन के जरिए अलग किया गया था, मगर जगा-बलिया केस कई मामलों में इनसे अलग था।
इस घटना में स्नायु प्रतिरूपण नई बात थी जो कि धरती पर पहली बार सफलता के साथ किया गया। दो मस्तिष्क को काटकर अलग करते समय बलिया के लिए 28 सेंटीमीटर विशिष्ट साफेंस स्नायु की जरूरत थी। दिल्ली एम्स के स्नायु बैंक से लाए गए स्नायु को बलिया के सिर के साथ जोड़ा गया। 28 अगस्त 2017 तथा उसके बाद 25 अक्टूबर दो चरण में हुए ऑपरेशन में साफेंस स्नायु प्रतिरूपण एक बड़ी चुनौती थी। महापात्र ने कहा कि ऑपरेशन थिएटर के अंदर लगभग 28 घंटाें के बाद हमें यह सफलता मिली।
प्रोफेसर महापात्र ने इस सफलता के लिए सबसे पहले महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी को श्रेय दिया और ओड़िशा के करोड़ों लोगों द्वारा किए गए दीपदान एवं प्रार्थना को दिया। प्रोफेसर महापात्र ने राज्य सरकार के प्रयास के साथ दिल्ली एम्स के अधिकारियों को भी धन्यवाद दिया है। उन्होंने इस ऑपरेशन में सीधे तौर पर शामिल 125 डॉक्टर एवं सभी नर्स की सेवा के प्रति सहानुभूति प्रकट की है।
प्रोफेसर महापात्र के सूचना के मुताबिक, जुड़े हुए सिर को काट कर शिशु को अलग करने के मामले में मात्र 20% ही सफलता मिलती है। महाप्रभु श्री जगन्नाथ की कृपा से जगा बलिया मामले में एक विरल उपलब्धि मिलने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि बलिया की स्थिति सामान्य रूप से अस्वभाविक रह रही है मगर वह भी उपयुक्त नर्सिंग एवं फिजियोथेरेपी के जरिए स्वस्थ होने की हमें उम्मीद है।
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