संतोष कुमार पांडेय, जागरण। जैसा कि नव किशोर दास की हत्या की जांच में हर दिन कुछ न कुछ सबूत सामने आ रहे हैं। इस सिलसिले में आरोपित गोपाल कृष्ण दास को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस दौरान हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि क्या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है, हत्या में कौन लोग शामिल हैं और इसके पीछे का मकसद क्या है।
डीजीपी ने पत्रकारों को किया संबोधित
ओडिशा पुलिस के डीजीपी सुनील बंसल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास की 29 जनवरी को हुई हत्या की जांच किसी नतीजे पर पहुंचने या चार्जशीट दायर करने से पहले अपराध के सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि खुले दिमाग से जांच की जा रही है और अपराध से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है, किसी को जल्द ही अंतिम परिणाम की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
बिना सबूत के नहीं करूंगा टिप्पणी: डीजीपी
इस दिन पत्रकारों को संबोधित करते हुए डीजीपी ने कहा, 'अपराध के मकसद के बारे में बहुत सारी अफवाहें फैलाई जा रही हैं। हम सभी ने वीडियो में देखा है कि स्वास्थ्य मंत्री की हत्या किसने की, लेकिन हमें अभी तक इस अपराध के पीछे के मकसद का पता नहीं चल पाया है। मकसद अपराधी के दिमाग में है और मैं बिना सबूत के इस पर टिप्पणी करने के लिए सक्षम नहीं हूं।'
हमारी टीम जांच में जुटी है: डीजीपी
उन्होंने आगे कहा, 'अपराध शाखा, राज्य फोरेंसिक कर्मी और अन्य पहले से ही अपराध के पीछे के मकसद को जानने के लिए काम कर रहे हैं। हमने इस पर सेंट्रल फॉरेंसिक लेबोरेटरी (सीएफएल) से भी बात की है और उन्होंने हमें हर संभव मदद देने का वादा किया है। वास्तव में, सीएफएल की एक टीम जल्द ही जांच में हमारी मदद करने के लिए ओडिशा आएगी।'
क्या गोपाल दास की मानसिक स्थिति ठीक नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपी एएसआई गोपाल कृष्ण दास, जिसने झारसुगुड़ा में नव किशोर दास को उस दिन गोली मारी थी, क्या वह मानसिक विकार से पीड़ित है ? इस पर डीजीपी ने कहा, 'उसकी पत्नी ने अपराध के तुरंत बाद इस पर बयान दिया है और यह बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन यह जानना ज्यादा जरूरी है कि अपराध की सुबह गोपाल दास को अटैक आया था या वह अभी भी इस स्थिति से पीड़ित है। इन सवालों के जवाब मिलने के बाद हम अपराध के पीछे की मंशा के बारे में बात कर पाएंगे।'
डीजीपी इस सवाल का भी जवाब देने से बचते रहे कि क्या इस अपराध का मास्टरमाइंड कोई और है या अपराध मंत्री के कोयला परिवहन कारोबार या राजनीतिक रंजिश से जुड़ा है ।
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