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मुख्यमंत्री का नीति आयोग बैठक में भाग न लेना दुर्भाग्यजनक : प्रधान

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि मुख्यमंत्री का नीति आयोग बैठक में भाग न लेना दुर्भाग्यजनक है।

By Edited By: Published: Mon, 18 Jun 2018 04:37 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jun 2018 03:57 PM (IST)
मुख्यमंत्री का नीति आयोग बैठक में भाग न लेना दुर्भाग्यजनक : प्रधान
मुख्यमंत्री का नीति आयोग बैठक में भाग न लेना दुर्भाग्यजनक : प्रधान

भुवनेश्वर, जेएनएन। नीति आयोग की बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के भाग न लेने को लेकर राज्य में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस एवं भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय का विरोध किया है जबकि बीजू जनता दल (बीजद) ने पार्टी प्रमुख के निर्णय को सही ठहराया है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि मुख्यमंत्री का नीति आयोग बैठक में भाग न लेना दुर्भाग्यजनक है। नीति आयोग बैठक में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होती है। जिसमें मुख्यमंत्री प्रभावी ढंग से अपने राज्य के मत को रखते हैं और अपनी मांग पूरी करवाने का प्रयास करते हैं। मगर, मुख्यमंत्री ने इस अवसर को खोकर राज्य की जनता के साथ धोखा किया है।

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केंद्रीय आदिवासी व्यापार मंत्री जुएल ओराम ने कहा है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपना संवैधानिक दायित्व भूल गए हैं। वह केवल दलीय दायित्व में मन लगा रहे हैं। यह ओडिशा के लिए शुभ संकेत नहीं है। नीति आयोग, आयुष्मान भारत एवं आकांक्षा योजना को बायकाट कर मुख्यमंत्री कौन सी भाषा बोल रहे हैं, समझ से परे है। मुख्यमंत्री ओडिशा को अराजकता की तरफ ले जा रहे हैं। वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा है कि संघीय जनतंत्र व्यवस्था में नीति आयोग बैठक में नवीन पटनायक का न जाना ठीक नहीं है। यदि वह इस तरह की बैठक में नहीं जाएंगे तो फिर किस फोरम ओडिशा की जनजा की समस्या को रखेंगे। पिछले साल मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में गए थे फिर इस साल ऐसा क्या हो गया कि वह बैठक में नहीं गए। कल क्या नवीन बाबू अपने सांसदों को कहेंगे कि संसद में मत जाओ, पटनायक ने सवाल किया। कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री भाजपा विरोधी हैं, फिर भी वह बैठक में गई।

पटनायक ने मुख्यमंत्री की नीति को समझ से परे बताते हुए कहा कि भाजपा जो कानून लाती है बीजद उसका समर्थन करती है। लेकिन नीति आयोग जैसी महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने जाना उचित नहीं समझा। शायद, ओडिशा की समस्या को ठीक फोरम में रखने के लिए मुख्यमंत्री तैयार नहीं थे।

कोट नीति आयोग एक संवैधानिक व्यवस्था नहीं है। पहले भी नीति आयोग बैठक को मुख्यमंत्री नहीं गए हैं। नीति आयोग बैठक में जाने के लिए मुख्यमंत्री बाध्य है, ऐसा कहीं संविधान में नहीं लिखा गया है। अन्य कार्य में व्यस्त रहने के चलते मुख्यमंत्री उस बैठक में नहीं जा सके हैं। मगर, बैठक के लिए जो एजेंडा आया था उसके मुताबिक ओडिशा की तरफ से राज्य के मत को स्पष्ट तौर पर लिखित रूप से दिया गया है, जिसे बैठक में पेश भी किया गया है।

प्रताप देव, प्रवक्ता, बीजद।


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