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चिंताजनक: ओडिशा में वर्ष 2019 में 12 लाख बार हुई है वज्रपात की घटना

भुवनेश्वर में नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन अथारिटी की तरफ से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में बताया गया कि वर्ष 2019 में 12 लाख बार वज्रपात की घटनायें हुई हैं ।

By Babita kashyapEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 11:58 AM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 11:58 AM (IST)
चिंताजनक: ओडिशा में वर्ष 2019 में 12 लाख बार हुई है वज्रपात की घटना
चिंताजनक: ओडिशा में वर्ष 2019 में 12 लाख बार हुई है वज्रपात की घटना

भुवनेश्वर, जेएनएन। वर्ष 2019 में ओडिशा में सर्वाधिक वज्रपात की घटना हुई है। जानकारी के मुताबिक वर्ष 2019 में 12 लाख बार वज्रपात होने की जानकारी विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने दी है। भुवनेश्वर में नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन अथारिटी की तरफ से आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में भाग ले उन्होंने उपरोक्त जानकारी दी है। इस कार्यशाला में बज्रपात जैसी बढ़ती आपदा को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।

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शहरांचल में कृत्रिम बाढ़, समुद्र के जलस्तर में बढ़ोत्तरी के कारण हो रही धन जीवन की बर्बादी को किस प्रकार से रोका जाए, उस पर चर्चा की गई। इसके साथ ही राज्यों में आपदा नियंत्रण के लिए पहले से योजना न बनाए जाने के कारण एनडीएमए सदस्य सचिव ने नाराजगी जाहिर की है। राज्यों से त्वरित तरीके से तैयार रहने के लिए एनडीएम ने सलाह दिया है। विशेष राहत आयुक्त ने कहा है कि वर्तमान निर्माण को मजबूत करने पर आगामी दिनों में हम आपदा से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं।

इस कार्यशाला में ओडिशा के साथ पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ तथा आन्ध्र प्रदेश के अधिकारी भाग लिए थे। इसमें ओसडमी के पूर्व एमडी अरविन्द बेहेरा मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिए थे। सभी अतिथियों ने वज्रपात की बढ़ती घटना पर चिंता प्रकट करने के साथ इससे बचाव को लेकर अपने अपने विचार रखे।

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बारिश के बाद बढ़ी परेशानी

बीते गुरुवार व शुक्रवार को हुई बेमौसम की बारिश के बाद संबलपुर के कई स्थानों पर जलजमाव हो जाने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है। कुछ कालोनियों में लोगों को पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। शहर के पॉश कॉलोनी के रूप में चर्चित प्रधानपाड़ा में जलजमाव से लोगों का बुरा हाल है। रविवार के दिन भी इलाके की कई गली-सड़कों पर पानी भरा रहा। इस बारे में संबलपुर महानगर निगम से बीते बारिश के महीनों में शिकायत की गयी थी, लेकिन अबतक समस्या का समाधान नहीं हो सका है। बताया गया है कि निचला इलाका होने और इलाके में नालियों के नहीं होने या नालियों में जमे कचरे की वजह से पानी निष्कासित नहीं हो पा रही और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि संबलपुर के कथित विकास के नाम पर गलियों के ऊपर गली और सड़कों के ऊपर सड़कें तो बनायीं जाती हैं, लेकिन पिछले कई दशकों से गली-सडकों के किनारे पानी निष्कासन के लिए नाली नहीं बनायीं गयी। यही वजह है कि कुछ मिनट की बारिश से शहर के कई प्रमुख चौराहों समेत गली-मोहल्लों में पानी जमा हो जाता है।

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