ग्रामीणों को महंगा पड़ा पुलिसकर्मियों को बंधक बनाना: 15 महिलाओं समेत 22 हिरासत में
6 अगस्त को रेडुआ गांव में चोरी के मामले की जांच करने गयी पुलिस को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया था जिस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 22 ग्रामीणों को हिरासत में लिया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। पुलिस कर्मचारियों को बंधक बनाकर रखना ग्रामीणों को अब महंगा पड़ गया है, पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गांव के 15 महिलाओं के साथ कुल 22 लोगों को हिरासत में ले लिया है। खबर के मुताबिक एक चोरी मामले की जांच करने एवं अभियुक्त को पकड़ने के लिए 6 अगस्त की देर रात गोप थाना पुलिस रेडुआ गांव में गई थी। हालांकि ग्रामीणों ने कहा कि यह चोरी का आरोप ही गलत है तो फिर पुलिस क्यों इतनी रात में गांव में आयी है। इसे लेकर पुलिस एवं ग्रामीणों के बीच कहासुनी हुई। ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और फिर दो पुलिस वैन से आए 10 पुलिस कर्मचारियों को बंधक बना लिया। गांव की महिलाओं के साथ शताधिक लोगों ने पुलिस के साथ दोनों पुलिस वैन को 6 घंटे तक गांव में ही रोक लिया।
सूचना मिलने के बाद दूसरे दिन 7 अगस्त की सुबह नीमापड़ा एसडीपीओ प्रताप कुमार दलेई के साथ कोणार्क, नीमापड़ा, काकटपुर थाना के थाना प्रभारी एक प्लाटून पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। एसडीपीओ ने गांव वालों को समझा बुझाकर बंधक बनाए गए पुलिस कर्मचारियों को छुड़ाया। पुलिस ने इस संदर्भ में एक मामला दर्ज कर अब रविवार देर रात को गांव में अचानक छापा मारा और 22 लोगों को हिरासत में ले लिया है।