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नक्सल गतिविधियों पर नकेल कसने में बीएसएफ की अहम भूमिका: आईजी बीएसएफ, सतीश चन्द्र बुद्धाकोटी

बीएसएफ आईजी सतीश चन्द्र बुद्धाकोटी ने पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि 1960 के दशक में नक्सलियों का आतंक चरम पर था और इसमें ​विशेष रूप से ओड़िशा के चार जिले से मालकानगिरी कोरापुट नवरंगपुर एवं रायगड़ा जिला बुरी तरह से प्रभावित थे।

By Babita KashyapEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 03:07 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 03:10 PM (IST)
नक्सल गतिविधियों पर नकेल कसने में बीएसएफ की अहम भूमिका: आईजी बीएसएफ, सतीश चन्द्र बुद्धाकोटी
सीमा सुरक्षा बल यानी बीएएसएफ विश्व का सबसे बड़ा रक्षक बल है।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। सीमा सुरक्षा बल यानी बीएएसएफ विश्व का सबसे बड़ा रक्षक बल है। बीएसएफ की 193 बटालियन आज देश की 6385 किमी सीमा की रक्षा करने के साथ ही सीमा पर मौजूद गांवों के लोगों के बीच देश भक्ति प्रेम जागृत करने में अहम भूमिका निभा रही है। इतना ही नहीं ओड़िशा में नक्सल गतिविधियों पर नकेल कसने एवं गुरुप्रिया सेतु के जरिए प्रदेश के नक्सल प्रवण जिले में विकास की रूपरेखा तैयार करने में सीमा सुरक्षा बल के जवानों का योगदान अतुलनीय होने की बात बीएसएफ के आईजी सतीश चन्द्र बुद्धाकोटी ने यहां आयोजि एक पत्रकार सम्मेलन के जरिए कही है।

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बीएसएफ आईजी सतीश चन्द्र बुद्धाकोटी ने पत्रकार सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि 1960 के दशक में नक्सलियों का आतंक चरम पर था और इसमें ​विशेष रूप से ओड़िशा के चार जिले से मालकानगिरी, कोरापुट, नवरंगपुर एवं रायगड़ा जिला बुरी तरह से प्रभावित थे। इसके बाद नक्सल समस्या को समाप्त करने के लिए बीएसएफ की टीम ओड़िशा पुलिस के साथ मिलकर प्रदेश में काम करना शुरू किया और आज नतीजा यह है कि प्रदेश में नक्सली गतिविधि नाममात्र की रह गई है। बीएसएफ आईजी ने कहा कि नक्सल गतिविधि कम करने 2018 में नवीन पटनयाक सरकार द्वारा गुरू प्रिया सेतु का उद्घाटन भी अहम कड़ी है। क्योंकि इस सेतु के जरि उक्त इलाके के 150 गांव की 30 हजार आबादी ओड़िशा सरकार के साथ जुड़ी और आज वहां पर शांति है। इस सेतु पर सप्ताह के सातों दिन एव 24 घंटे बीएएसएफ जवानों का पहरा है।

आज नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास कार्य किए जा रहे हैं। कंस्ट्रक्शन वर्क इलाके में चल रहा है और नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर बीएसएफ के जवानों ने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। बीएसएफ आईजी ने कहा कि गुप्तेश्वर रोड से आईडी बरामद किया जाना बीएसएफ की बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवान के केवल नक्सलियों की गतिविधि पर ही लगाम नहीं लगा रहे है बल्कि हमारी टीम जहां भी तैनात है उस इलाके में शिक्षा से लेकर कंस्ट्रक्शन एवं विकास कार्य की गतिविधि को जारी रखने में अहम भूमिका निभा रही है। इस अवसर पर डीआईजी आपरेशन धीरेन्द्र कुमार एवं कमांडेंट ईश्वर चन्द्र कुमार व अन्य पदाधिकारियों ने अपने वक्तव्य रखे।

बीएसएफ आईजी ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल भारत का एख प्रमुख अर्धसैनिक बल है एवं यह विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है। इस बल का गठन 1 दिसम्बर 1965 को हुआ था। बल की जिम्मेदारी भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरान रखना, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकना है। शुरूआत में इस बल में केवल 25 बटालियन थी मगर आज इसकी संख्या 193 बटालियन हो गई है। हम आज देश की 6385 किमी लम्बी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा कर रहे है। आईजी ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान ना सिर्फ देश के बाहरी दुश्मनों से लोहा लेते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर देश के भीतर घुसे देशद्रोहियों को कुचलने में अपनी जान की बाजी लगा देते हैं।


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