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New vehicle act 2019: गलत ढंग से वसूला जुर्माना तो होगी ये कार्रवाई, परिवहन विभाग सचिव ने दिया आदेश

New vehicle act 2019 परिवहन विभाग के सचिव जी.श्रीनिवासन ने कहा है कि अगर गलत तरीके से जुर्माना वसूला गया तो विभागीय कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 07:44 AM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 07:44 AM (IST)
New vehicle act 2019: गलत ढंग से वसूला जुर्माना तो होगी ये कार्रवाई, परिवहन विभाग सचिव ने दिया आदेश
New vehicle act 2019: गलत ढंग से वसूला जुर्माना तो होगी ये कार्रवाई, परिवहन विभाग सचिव ने दिया आदेश

भुवनेश्वर, जेएनएन। नया मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद 1 सितम्बर से देश में ट्रैफिक नियम उल्लंघन करने वालों से पहले की तुलना में कई गुना जुर्माना वसूला जा रहा है। खासकर ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों के इंस्योरेंस तथा पल्यूशन प्रमाणपत्र आदि की जांच की सख्ती से जांच की जा रही है। नियमानुसार तमाम कागजात न होने पर वाहन चालकों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है। जुर्माना का डर लोगों में इस कदर घर गया है कि लोग अधिकांश लोग अब अपने वाहन को घर में बंद करके रख दिए हैं। ऐसे में लोगों को थोड़ी राहत देने के लिए परिवहन विभाग के सचिव जी.श्रीनिवासन ने कहा है कि लोगों की परेशानी को देखते हुए नियमों में थोड़ी ढिलाई दी गई है।अब से एक महीने तक वाहनों के पल्यूशन की जांच नहीं की जाएगी।

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सचिव जी.श्रीनिवासन ने लोगों को बिना मतलब परेशान न करने के लिए भी विभागीय कर्मचारियों को सलाह दी है। विभागीय सचिव ने कहा है कि गलत ढंग से जुर्माना वसूल करने वाले कर्मचारी से दोगुना जुर्माना वसूला जाएगा। यहां उल्लेखनीय है कि मोटर वाहन कानून लागू होने के बाद सबसे अधिक जुर्माना वसूलना वाले राज्यों के सूची में ओडिशा देश में पहले स्थान पर है। 4 दिनों में 408 गाड़ी चालकों से जुर्माना के बाद कुल 88 लाख 90 हजार रुपया जुर्माना वसूला गया है। इसके साथ ही 46 वाहनों को सीज कर दिया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि राज्य में वाहनों पर लगाए जा रहे जुर्माना का भय इस कदर घर कर गया है कि लोग भय के चलते अपने वाहन को घर से बाहर नहीं निकाल रहे हैं। पेट्रोल पंप से लेकर शापिंग माल हर जगह मंदा अवस्था साफ तौर पर देखी जा सकती है। 

इसका सीधा असर अब राज्य एवं देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने लगा है। पहले से ही मंदी के चपेट में आए विभिन्न औद्योगिक क्षेत्र अब सरकार का यह नियम दोहरी मार कर रहा है। एक तरफ जहां राजधानी में चलने वाले लगभग 30 से 40 प्रतिशत आटो बंद पड़ गए हैं तो वहीं दो पहिया वाहन चालकर भी अपने वाहन बाजार में लेकर नहीं जा रहे हैं। ऐसे में विभाग की तरफ से लिया गया यह लोगों की सहुलियत के लिए कम बल्कि आर्थिक मंदी कहीं और विकराल रूप न धारण कर ले उसके चलते लिया गया ज्यादा दिख रहा है।

लोगों का साफ तौर पर कहना है कि सरकार ने नियम तो लागू कर दिया मगर बुनियादी सुविधाएं मुहैया करने की व्यवस्था भी तो सरकार को करनी चाहिए। हम अपने वाहन को मोटर यान कानून के हिसाब से रखना चाह रहे हैं, मगर सरकार ने ना ही लाइसेंस बनाने के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था की है और ना ही पल्यूशन जांच की। ऐसे में मजबूर होकर अपने वाहन को घर में रखकर बैठ गए हैं। इसमें जिनको बहुत जरूरी काम है वही लोग अपने वाहन बाहर निकाल रहे हैं। सरकार को इस तरह का नियम लागू करने से पहले बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था करनी चाहिए थी।

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