इस राज्य में बारिश से जनजीवन त्राहिमाम, दुनिया से संपर्क कटा; सैकड़ों गांव पानी में डूबे
ओडिशा में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है सैकड़ों गांव पानी में डूब गये हैं जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। राजधानी भुवनेश्वर समेत पूरे राज्य में हो रही लगातार बारिश से एक तरफ जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं दूसरी तरफ एक बार मालकानगिरी जिले में बाढ़ ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। जिले से होकर गुजरने वाली कुछ नदियों का जलस्तर बढ़ जाने से निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिस कारण वहां के लोगों का बाहरी दुनिया से पूरी तरह संपर्क टूट गया है।मलकानगिरी के अलावा कंधमाल व गंजाम जिले में भी भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर है। नदियों के उफान के कारण सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है, जिस कारण लोगों को काफी परेशानी हो गई है।
काशीपुर ब्लॉक, रायगडा के काशीपुर ब्लॉक के 4 पंचायत (कुचेईपदर, डांगासिल, कदीपारी, और मयंचा) को राज्य के अन्य हिस्सों से काट दिया गया है, कुचीपदर के पास एक पुल के धंसने के बाद और रेलवे लाइन के क्षतिग्रस्त होने के कारण रेल सेवा बंद कर दी गई थी।
जानकारी के मुताबिक मालकानगिरी जिले के पोटेरु, कांगरूकोंडा ब्रीज पर तीन से पांच फुट उपर से पानी का बहाव हो रहा है। 326 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। इसके चलते मालकानगिरी का आन्ध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं जयपुर के बीच का संपर्क कट गया है। विभिन्न जगहों पर दमकल विभाग एवं ओड्राफ की टीम तैनात की गई है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को तैनात कर दिया गया है। स्कूल व कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। कालीमेला में भी भारी बारिश की सूचना मिली है। विभिन्न जगहों पर सड़कों के ऊपर से बाढ़ का पानी प्रवाहित हो रहा है। इससे कालीमेला का भी संपर्क बाहरी दुनिया से टूट गया है। मौसम विभाग ने मालकानगिरी जिले में रेड अलर्ट जारी कर दिया है। प्राप्त सूचना के अनुसार भारी बारिश एवं नदियों में आयी बाढ़ के कारण जिले के सैकड़ों गांव पानी में डूबे हुए हैं।
राज्य के गंजाम जिला में भी भारी बारिश से जिले में सामान्य जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। जिले के सभी स्कूलों में जिलाधीश ने छुट्टी घोषित कर दी है। हालांकि शिक्षकों को बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद करने का आदेश जारी किया गया है। कंधमाल जिले में बालीगुड़ा से झरिपाणी को संयोग करने वाला सिरिला गांव के समीप बने ब्रिज का एक स्लाव टूटकर गिर गया है। उसी तरह से टाटागुड़ा गांव में खड़ग नदी का पानी सड़कों पर प्रवाहित होने से आवागमन ठप हो गया है। तुमुड़ीबंध ब्लाक सिलकसुगा गांव के पास ब्रीज टूट गया है। इससे सिर्ला एवं पारीगड़ पंचायत के बीच संपर्क कट गया है।
खतरे के निशान को बंशधारा नदी ने किया पार, बढ़ी परेशानी
राज्य में हो रही लगातार बारिश के साथ नदियां भी उफान पर आ गई है। खबर के मुताबिक रायगड़ा जिले में बंशधारा नदी खतरे के निशान को पार करने से आसपास के गांव पानी में डूब गया है। जिले का गुड़ारी शहर पानी के घेरे में आ गया है। खबर के मुताबिक बंशधारा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ते जा रहा है।
गुणुपुर के पास बंशधारा नदी के खतरे का निशान 83 मीटर है, जबकि नदी का पानी 84.45 मीटर पर प्रवाहित हो रहा है। इससे लोगों में एक तरह से भय का माहौल बन गया है। जिले के प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
मूसलाधार बारिश से स्मार्ट सिटी भी बदहाल
मूसलाधार बारिश से स्मार्ट सिटी भुवनेश्वर की अवस्था भी बदहाल हो गई है। मंगलवार देर शाम एवं बुधवार सुबह हुई मुसलाधार बारिश के कारण राजधानी के तमाम निचले इलाकों में जल जमाव की स्थिति देखी गई है। पानी का सही निकासी नहीं होने के कारण नालों का पानी रास्तों पर एवं लोगों के घरों में बहता नजर आया। आलम यह हो गया है कि गली-मुहल्ला का रास्ता नदी में तब्दील हो गया है। सबसे बुरी स्थिति राजधानी के सबसे व्यस्त क्षेत्र नयापल्ली इस्कॉन मंदिर के सामने देखने को मिला है। हर साल की तरह इस साल भी बारिश का पानी लोगों के घरों में घुस गया। आलम यह हो गया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ। वहीं राजधानी भुवनेश्वर के केंद्र्र बिंदु कहे जाने वाले मास्टरकैंटीन में भी समान स्थिति देखी गई है।
मास्टर कैंटीन से राजमहल चौक तक रास्ते में बारिश का पानी जमा रहा है। पूरा मार्ग पानी में डूब गया है। पानी ज्यादा हो जाने से बाइक व अन्य वाहनों के आवागमन में काफी दिक्कतें हुई। सड़कों पर घुटने भर से अधिक जल भराव होने से बाइक को लोग खींचकर अपने घर पहुंचे।
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