ओडिशा में भारी बारिश, बैतरणी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार
बैतरणी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंच जाने से भद्रक जिला में 6 पंचायत के 36 गांव पानी के घेरे में हैं।
जासं, भुवनेश्वर। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र के चलते हो रही लगातार बारिश से भद्रक एवं जाजपुर जिला में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। बैतरणी नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार पहुंच जाने से भद्रक जिला में 6 पंचायत के 36 गांव पानी के घेरे में हैं। मणिनाथपुर, सारणा, रहणिया, सोलमपुर, बराहनुआपड़ा, विरोली, विंधाण, मुढापदा, मालदा, चतुर्भुजपुर, जलहरी, आदि गांव जलमग्न हो गए हैं। फसलें पूरी तरह से पानी में डूब गई है और लोग पानी के घेरे में आ गए हैं। भंडारीपोखरी-मणिनाथपुर रास्ते में सर्वानाल ब्रीज के ऊपर 4 फुट पानी प्रवाहित हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह बैतरणी नदी का जलस्तर आखुआपदा में 18.15 मीटर पर प्रवाहित हो रहा था जबकि यहां पर खतरे का निशान 17.85 मीटर है। ऐसे में जिले का निचला इलाका पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। आखुआपदा आनिकट के इंजीनियर शंकर्षण परिड़ा ने कहा है कि नदी में बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है ऐसे में यहां पर जलस्तर 18.50 मीटर तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में निचले इलाके में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो सकती है।
पिछले 24 घंटे में ऊपरी हिस्से में हुई भारी बारिश के चलते बैतरणी नदी में पुन: बाढ़ आयी है। इस बाढ़ में भद्रक जिला के भंडारीपोखरी एवं धाम नगर ब्लाक के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। 6 पंचायत के 36 गांव के लोग पानी के घेरे में हैं। बैतरणी नदी के अलावा रेव एवं कपाली नदी में भी बाढ़ की स्थिति बन गई है। इससे लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। पिछले चौबीस घंटे में आनंदपुर में 171.6 मिमी., आखुआपदा में सर्वाधिक 195.6 मिमी, केन्दुझर में 5 मिमी., ठाकुरमुण्डा में 19.0 मिमी, स्वामीपाटणा में दशमलव छह मिमी. एवं चम्पुआ में 5.6 मिमी तथा आनंदपुर इलाके में भारी बारिश होने से कुशभद्रा नदी के ऊपर मौजूद रेमाल जलभण्डार के 6 गेट को खोल दिया गया है।
इससे बैतरणी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया और खतरे के निशान 17.83 मीटर को पार करते हुए शनिवार शाम को 18.26 मीटर पर पहुंच गया और रविवार सुबह के समय जलस्तर 18.15 मीटर पर प्रवाहित हो रहा है। हालांकि लगातार बारिश होने एवं रेमाल जल भण्डार से पानी छोड़े जाने के चलते आखुआपदा में जल स्तर 19 मीटर तक पहुंचने का अनुमान आखुआपदा बाढ़ नियंत्रण कक्ष की तरफ से किया गया है। यदि ऐसा होता है तो फिर स्थिति और भयावह हो सकती है।